संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है रैबिज
सहरसा। विश्व रैबिज दिवस दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। बताया गया कि किसी से जानवर के काटने पर चिकित्सक से सलाह लें।
सहरसा। विश्व रैबिज दिवस दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। बताया गया कि किसी से जानवर के काटने पर चिकित्सक से सलाह लें। कुत्ते से ही नहीं अन्य जानवरों के काटने से भी रैबिज होने की संभावना होती है। यह वायरस से फैलने वाला एक गंभीर रोग है।
----
रैबिज से बचाव है संभव
----
सिविल सर्जन डा. अवधेश कुमार ने कहा कि रैबिज एक ऐसा वायरल इंफेक्शन है जो आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि कई जानवरों के काटने से इस बीमारी के वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। रैबिज का वायरस कई बार पालतू जानवर के चाटने या खून का जानवर के लार से सीधे संपर्क में आने से भी फैल जाता है। रैबिज एक जानलेवा रोग है जिसके लक्षण बहुत देर में नजर आते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, जो यह रोग जानलेवा साबित हो जाता है।
----
क्या हैं रैबिज के लक्षण
----
सिविल सर्जन ने बताया कि बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, व्याकुलता, भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई, बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना, नींद नही आना एवं शरीर के किसी एक अंग में पारालिसिस यानी लकवा मार जाना आदि रैबिज के लक्षण हैं।
-----
किसी भी जानवर के काटने पर यह करें
----
सिविल सर्जन ने कहा कि अगर रैबिज से संक्रमित किसी बंदर या कुत्ते आदि ने काट लिया तो तुरंत इलाज करवाएं। काटे हुए स्थान को कम से कम 10 से 15 मिनट तक साबुन से साफ करें। जितना जल्दी हो सके वैक्सीन या एआरवी के टीके लगवाएं। पालतू कुत्तों को इंजेक्शन लगवाएं। रैबिज से संक्रमित किसी कुत्ते या बंदर आदि के काटने पर घाव अधिक है तो उस पर टांके न लगवाएं। कहा कि किसी भी व्यक्ति को रैबिज संक्रमित किसी जानवर ने काट लिया और उसने 72 घंटे के भीतर अपना इलाज नहीं करवाया तो उसके बाद वैक्सीन या एआरवी के टीके लगाने का कोई फायदा नहीं है। इसलिए जितना जल्दी हो सके वैक्सीन और एआरवी के टीके अवश्य लगावाएं।