अब आंगनबाड़ी केंद्रों में ही उपजेगी पोषणयुक्त सब्जियां

सहरसा। अब आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे अपने ही परिसर में उत्पादित मशरूम और अन्य पौष्टिक हरी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2020 04:55 PM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2020 04:55 PM (IST)
अब आंगनबाड़ी केंद्रों में ही 
उपजेगी पोषणयुक्त सब्जियां
अब आंगनबाड़ी केंद्रों में ही उपजेगी पोषणयुक्त सब्जियां

सहरसा। अब आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे अपने ही परिसर में उत्पादित मशरूम और अन्य पौष्टिक हरी साग- सब्जियों का सेवन करेंगे। समय सीमा के अंदर कुपोषण कम करने के उद्देश्य से आइसीडीएस निदेशालय ने आंगनबाड़ी केंद्रों में ही विभिन्न प्रकार की पोषणयुक्त सब्जी की खेती करने की योजना बनाई है। इसके लिए सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका व सेविका-सहायिका को खेती का गुर सिखाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन सब्जियों की खेती के लिए किसी भी रसायनिक खाद व कीटनाशक का प्रयोग भी नहीं किया जाएगा। पक्के भवन वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में शीघ्र ही पोषण वाटिका बनेगी। पोषण वाटिका में उत्पादित सब्जी न सिर्फ बच्चों को परोसा जाएगा बल्कि धातृ महिलाओं को भी कुपोषण दूर करने के लिए यह सब्जियां दी जाएगी।

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जिले के 170 केंद्रों में चलेगी अपनी क्यारी-अपनी थाली योजना

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जिले के 1688 आंगनबाड़ी केन्द्रों में अबतक 170 को अपना भवन मिल सका है। 175 केंद्रों में निर्माणाधीन है। जबकि 358 केंद्रों को अभी भूमि ही उपलब्ध हुआ है। इसके लिहाज से विभाग ने प्रथम चरण में सहरसा जिले के उन 170 केंद्रों में सब्जी खेती की योजना बनाई है, जिसको वर्तमान में अपना पक्का भवन उपलब्ध है। महिषी प्रखंड के 18, नवहट्टा के 14, सत्तरकटैया के 19, कहरा ग्रामीण के 17, कहरा सदर के दो, सिमरी बख्तियारपुर के 26, सलखुआ के आठ,बनमा इटहरी के 13, सोनवर्षा के 13 सौरबाजार के 19 और पतरघट के 21 आंगनबाड़ी केंद्र इसके लिए चिह्नित किए गए हैं।

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मास्टर ट्रेनरों को दिया गया वर्चुअल प्रशिक्षण

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अपनी क्यारी-अपनी थाली योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाने व सब्जियों के बेहतर उत्पादन हेतु मास्टर ट्रेनरों को वर्चुअल प्रशिक्षण दिया गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के अनुसंधानकर्ता और वैज्ञानिक के माध्यम से सहरसा जिले की डीपीओ, सभी सीडीपीओ, तीन महिला पर्यवेक्षिका और पांच सेविका ने मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। इस मास्टर ट्रेनरों द्वारा अन्य महिला पर्यवेक्षिका, सेविका एवं सहायिका को शीघ्र ही प्रशिक्षित किया जाएगा।

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कोट

जिले में पोषणवाटिका स्थापित करने के उद्देश्य से मास्टर ट्रेनर के रूप में सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका और सेविका ने ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। विभागीय निर्देश के आलोक में अन्य लोगों के प्रशिक्षण व योजना के कार्यान्वयन हेतु कार्रवाई किया जा रहा है।

रीता सिन्हा,

डीपीओ, आइसीडीएस, सहरसा।

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