एचआइवी व कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों को मिलेंगे हर माह हजार रुपये

सहरसा। कोविड-19 में उच्च जोखिम समूहों एवं एड्स संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों के बच्चों को वि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 05:07 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 05:07 PM (IST)
एचआइवी व कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों
के बच्चों को मिलेंगे हर माह हजार रुपये
एचआइवी व कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों को मिलेंगे हर माह हजार रुपये

सहरसा। कोविड-19 में उच्च जोखिम समूहों एवं एड्स संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों के बच्चों को विभागीय योजनाओं एवं सेवाओं से लाभांवित किया जाएगा। इसके लिए आइसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी डीपीओ को निर्देशित कर दिया है।

विभागीय निदेशक ने अपने पत्र में बताया है कि कोविड-19 परि²श्य में एचआइवी का जोखिम एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिए लक्षित लाभार्थियों को चिह्नित कर लाभान्वित किया जाना है। आंगनबाड़ी सेविकाओं को अपने-अपने पोषक क्षेत्र में ऐसे परिवारों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है।

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एक हजार रुपए प्रतिमाह दी जाएगी सहायता राशि

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कुष्ठ रोग तथा एचआइवी पॉजिटिव अनाथ और बेसहारा बच्चों की परवरिश योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। इस योजना में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा जो बेसहारा हैं एवं अपने निकटतम संबंधी अथवा किसी रिश्तेदार के साथ रहते हैं। एचआईवी पॉजिटिव और कुष्ठ रोग से ग्रसित अथवा वैसे माता पिता के बच्चे जो एचआईवी पॉजिटिव या एड्स से पीड़ित हैं। इस योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि प्रदान की जाएगी। साथ हीं एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों का नाम गोपनीय रखा जायेगा।

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कैसे होगा अनाथ बच्चों का चयन

अनाथ बच्चों को योजना से लाभांवित कराने के लिए चयन का दायित्व वार्ड स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका को अधिकृत किया गया है। सेविका अनाथ बच्चों के पालन करने वाले अभिभावक से आवेदन विहित प्रपत्रों में प्राप्त कर अपनी अनुशंसा के साथ सीडीपीओ कार्यालय में समर्पित करेगी। सीडीपीओ सेविका के अनुशंसा के आधार पर अपनी अनुशंसा कर संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी के पास स्वीकृति के लिए भेजेंगे। स्वीकृति के बाद अनाथ बच्चे एवं पालनहार के नाम संयुक्त बैंक खाता में सीधे सहायता राशि भेज दी जाती है।

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नि:शुल्क आवेदन की सुविधा

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योजना के लाभ के लिए आवेदन पत्र नि:शुल्क जमा करना होगा। अनाथ बच्चे की स्थिति में माता-पिता का सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र जिसमें मुखिया, वार्ड, पार्षद द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र भी मान्य है। इसके अलावे लाभुक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत (ग्रेड 2) प्रमाण पत्र, एचआइवी या एड्स पीड़ित होने का प्रमाणपत्र देना होगा। पीड़ित लाभुक बच्चे व एचआईवी पॉजिटिव या एड्स पीड़ित माता अथवा पिता की संतान की स्थिति में एआरटी केंद्र द्वारा जारी कार्ड मान्य होगा। साथ हीं बच्चों का सरकारी स्कूल में नामांकन होना अनिवार्य है। योजना के लाभ के लिए आवेदन पत्र संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र, सीडीपीओ कार्यालय और जिला बाल संरक्षण इकाई से निश्शुल्क लेकर उसे भरकर जमा करना होगा।

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