बच्चों का वायरल फीवर हो सकता है खतरनाक
सहरसा। इनदिनों बच्चों में वायरल बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। बुखार का सही समय पर इलाज नहीं कराना अब बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बुखार से बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ रहा है।
सहरसा। इनदिनों बच्चों में वायरल बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। बुखार का सही समय पर इलाज नहीं कराना अब बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बुखार से बच्चों के हृदय पर भी असर पड़ रहा है।
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निजी क्लिनिक में रहती है अधिक भीड़
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वायरल बुखार के कारण शिशु रोग विशेषज्ञों के यहां अधिक भीड़ जुट रही है। सरकारी अस्पताल के ओपीडी में पिछले छह दिन में महज 27 बच्चे बुखार से पीड़ित पहुंचे हैं। जिसमें से फिलहाल एक भी बच्चे भर्ती नहीं हैं लेकिन निजी क्लिनिकों में सबसे अधिक बच्चे बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित भर्ती हैं।
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बुखार आने पर क्या करें
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शिशु रोग विशेषज्ञ डा. एसपी झा कहते हैं कि बच्चों को अगर बुखार आ गया तो तुरंत बुखार की दवा खिला दें। खांसी हो रही है तो खांसी की भी दवा दें। एक दिन से अधिक बुखार है तो चिकित्सक से संपर्क करें। उनकी सलाह पर दवा दें। उन्होंने बताया कि बच्चों में बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। इस मौसम में पहले भी बच्चों में बुखार आता था लेकिन इसबार इसकी संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि बुखार आने पर कोशिश करें कि बच्चे को एंटीबायोटिक नहीं दें। बुखार की दवा से यह ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बुखार पांच से दस दिन तक रहता है। बताया कि ऐसे मरीज आ रहे हैं जिसकी जांच में यह पाया गया कि बुखार आने पर उनके हृदय पर भी असर पड़ा है। ऐसे मामलों में नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
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कोरोना नियमों का करें पालन
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चिकित्सक कहते हैं कि बुखार से बचने के लिए कोरोना के नियमों को पालन करना अनिवार्य है। बच्चों को मास्क पहनावें, सैनिटाइज करते रहें, गंदे कपड़े नहीं पहनने दें, साफ-सुथरा रखें, भीड़भाड़ में बच्चों व खुद भी जाने से बचें। बुखार अगर आ जाय तो सावधानी बरतें।