व्यवस्था के अभाव में हांफ रहा है स्वास्थ्य महकमा
सहरसा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास करने का दा
सहरसा। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास करने का दावा करती है। हेल्थ फॉर ऑल, आयुष्मान भारत जैसी योजना चलाई जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है बल्कि सुविधा के अभाव में महिषी का पीएचसी हांफ रहा है।
सोमवार को महिषी अस्पताल का दवा केंद्र और मरीज के पर्ची काटने के काउंटर विलंब से खुला। ओपीडी की ड्यूटी में प्रभारी चिकित्सा प्रभारी खुद थे। परंतु वो आठ बजे के बदले नौ बजे अस्पताल पहुंचे। पल्स पोलियो अभियान और परिवार नियोजन पखवाड़े की समीक्षा के उपरांत ओपीडी कक्ष में बैठे लेकिन मरीजों की संख्या कम रहने के कारण उनका इलाज किया जा रहा था। जबकि ग्रेड ए नर्स दस बजे बादअस्पताल पहुंची। अस्पताल परिसर में फैली गंदगी सफाई व्यवस्था की मुंह चढ़ा रही थी। वैसे, दो आयुष चिकित्सक भी अस्पताल में मौजूद दिखे। बताया गया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के जाने के बाद आयुष डाक्टर ओपीडी संभालेगें।
----
क्या कहते हैं मरीज
----
कुम्हरा से अपने पति को दिखाने सुबह अस्पताल पहुंची कंचन देवी ने बताया कि उनके पति घर में गिर पड़े जिसमें उनके पांव की हड्डी टूट गई यहां आने पर डाक्टरों द्वारा उन्हें सहरसा के लिए रेफर कर दिया गया। महिषी निवासी राधिका देवी ने बताया कि वो अपने पांव बढ़े नासूर दिखाने आयी है लेकिन सर्जन नहीं होने के कारण अस्पताल में दर्द की दवा देकर भेज दिया गया। महिषी की जिवछी देवी ने बताया कि सर्दी बुखार दिखाने अस्पताल आयी थी जहां डाक्टरों द्वारा लिखे गोली तो मिल गए परंतु कफ सिरप बाजार से खरीदना पड़ा। बहरामपुर से अपने परिजन का प्रसव करवाने पहुंचे तीर्थ पासवान ने बताया कि अभी अस्पताल पहुंचे है नर्सों ने बताया कि अभी प्रसव होने में देर है।
----
महिषी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कम हैं डॉक्टर
-----
लगभग 2 लाख 39 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महिषी में मानक के अनुसार छह विशेषज्ञ डाक्टर के पद हैं। जबकि चार एमबीबीएस डाक्टर पदस्थापित डॉक्टर के अतिरिक्त होने चाहिए। एक दंत चिकित्सक और एक आयुष डॉक्टर की भी जरूरत है। जबकि अभी महिषी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ,एक महिला एमबीबीएस डाक्टर कार्यरत हैं इनके अतिरिक्त चार आयुष डाक्टर (सभी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थापित ) आरबीएसके कार्यक्रम के लिए दो डाक्टर पदस्थापित हैं। ग्रेड ए नर्स की 16 पद में से पांच पदस्थापित है। दो संविदा की नर्स के अतिरिक्त पंचायत स्वास्थ्य केंद्र के लिए 34 में से महज 16 नर्स पदस्थापित हैं। दो हेल्थ सेंटर में से कुंदह ह में डाक्टर नहीं हैं। सफाई की जिम्मेवारी आउटसोर्सिंग पर है। जबकि दो सफाई कर्मी एवं एक आदेशपाल पदस्थापित हैं जो ड्रेसर का भी काम देखते हैं।
----
दो शिफ्ट की जगह एक शिफ्ट में चलता है ओपीडी
----
सरकारी नियम के अनुसार सभी सरकारी अस्पताल में सुबह साढ़े आठ बजे से दिन के एक बजे तक एवं दिन के दो बजे से शाम के छह बजे तक ओपीडी चलना है। लेकिन डॉक्टर की कमी के कारण एक ही शिफ्ट में ओपीडी चल पाता है। अस्पताल प्रशासन की मानें तो अस्पताल में ओपीडी ,इमरजेंसी सेवा एवं प्रसव से सबंधित कुल 85 तरह की दवा उपलब्ध है। जिसमें ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवा के 36 प्रकार की दवा उपलब्ध है। एक्सरे मशीन उपलब्ध नहीं है लेकिन तकनीशियन की पदस्थापना कर दी गई है।