हर साल बाढ़ से किसानों की होती है बर्बादी
सहरसा। हर साल बाढ़ की समस्या के कारण किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है
सहरसा। हर साल बाढ़ की समस्या के कारण किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। तटबंध के अंदर सात पंचायत के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर है। कोसी नदी की उफनती धारा हर साल केदली, हाटी, बकुनियां, डरहार, नौला, शाहपुर, सत्तौर पंचायत के गांवों में तबाही मचाती है। बाढ़ के समय क्षेत्र के विभिन्न गांवों का प्रखंड अनुमंडल एवं जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाता है। किसानों की हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाती हैं। पिछले साल की तबाही को याद कर लोग सहमे हुए हैं। इस बार ग्राम सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कराए गए कार्य से खतरा कम होने की उम्मीद जगी है।
---
जलस्तर में हो रहा उतार-चढ़ाव
----
कोसी नदी का जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने लगा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बाढ़ से भी अधिक खतरा कोसी नदी के कटाव से है । लोगों का घर दरवाजा खेत खलिहान सब कटाव की भेंट चढ़ जाता है। सीओ अबु अफसर ने बताया कि एक बार फिर जलस्तर बढ़ने लगा है। शुक्रवार की दोपहर कोसी नदी के जलस्तर में कमी आई थी। इसमें दोपहर बाद वृद्धि हो गई 97 हजार 580 क्यूसेक जलस्त्राव वीरपुर बराज पर दर्ज किया गया है।
---
क्या कहते हैं किसान
---
डरहार के किसान रामविलास यादव, दिलीप यादव, बेरही के किसान ललन राय रामवदन राय बकुनियां के नरेन्द्र यादव सत्तौर के ब्रजकिशोर यादव, केदली के अनिरुद्ध मुखिया सहित विभिन्न गांवों के किसानों का कहना हैं कि बाढ़ का स्थाई निदान करने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। हर साल बाढ़ में किसानों की फसल तबाह होती है और उनकी कमर टूट जाती है।
---
क्या कहते हैं विधायक
---
सरकार बाढ़ का स्थाई समाधान करवाने के प्रयास में लगी है। गांव को कटाव से बचाने के लिए सुरक्षात्मक कार्य करवाए गए हैं। जल संसाधन विभाग एवं जिला प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए रखा है। लोगों की सुरक्षा एवं राहत बचाव के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे ।
गुंजेश्वर साह, विधायक, महिषी