सिमरी एसडीओ को लगाया 25 हजार का अर्थदण्ड
सहरसा। जिले के सिमरीबख्तियारपुर के एसडीओ सह लोक सूचना पदाधिकारी को स्पष्टीकरण का जव
सहरसा। जिले के सिमरीबख्तियारपुर के एसडीओ सह लोक सूचना पदाधिकारी को स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देना महंगा पड़ गया। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त अशोक कुमार सिन्हा ने अपने दिए गए फैसले में स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिए जाने पर 25 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया है। साथ ही जिलाधिकारी को भेजे आदेश की प्रति में इस बात का भी उल्लेख किया है कि जब तक इस अर्थ दण्ड की राशि जमा नहीं होती है तब तक लोक सूचना पदाधिकारी को अपना अगला वेतन प्राप्त नहीं हो। मालूम हो कि जिले के सिमरीबख्तियारपुर के खम्हौती निवासी राजकिशोर पंडित ने सूचना के अधिकार के तहत 12 जनवरी 2015 को ही एक जानकारी मांग थी कि जिलाधिकारी के न्यायालय में लंबित एरिया सी¨लग अपील वाद संख्या -01- 13 मनरेगा योजना से जेसीबी मशीन द्वारा जबरन पोखर की खुदाई करने पर रोक लगाने हेतु लगाए गए आरोपों की जांच एवं की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी गयी थी। इस मामले में राज्य सूचना आयोग में जमा अभिलेख के अवलोकन से एक प्रतिवेदन समर्पित किया गया। जिसमें यह उल्लेख किया है कि सूचना 9 जुलाई 18 को भेजी गयी है। परंतु उल्लेखनीय है कि इस तिथि को आयोग द्वारा सूचना उपलब्ध कराने का आदेश नहीं दिया गया था। इसके स्थान पर लोक सूचना पदाधिकारी को अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने का आदेश दिया गया था। लेकिन उन्होंने अपना स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया है। जिससे यह प्रमाणित होता है कि उनको अपने बचाव में आयोग के सामने कोई बात नहीं रखनी है। सूचना की मांग 12 जनवरी 15 को की गयी थी। जिसके बाद तीन वर्षों से अधिक की अवधि बीत चुकी है। इस अवधि में लोक सूचना पदाधिकारी द्वारा आयोग को कोई प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया गया। आयोग द्वारा 25 अप्रैल 18 को निर्गत प्रथम सुनवाई की सूचना में ही उनको आदेश दिया गया था कि वे अपना उत्तर आयोग को समर्पित करें। उत्तर समर्पित नहीं किए जाने पर 10 जुलाई 18 को स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन आयोग को अपना स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया। आयोग ने इसी पर उन्हें अर्थदण्ड लगाया है। दूसरी ओर सिमरी एसडीओ अरविन्द कुमार ने बताया कि यह उनके समय का मामला नहीं है। मुझे जानकारी मिली तो मैंने आयोग को सूचना दी थी कि शिकायतकर्ता को जवाब दे दिया गया है। स्पष्टीकरण का भी जवाब दिया जा रहा है।