मतदान के बाद जीत-हार की गणना में जुटे प्रत्याशी व समर्थक

सहरसा। सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा उप चुनाव में लोकसभा के मुकाबले वोट प्रतिशत कम रहने से ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 05:41 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 06:27 AM (IST)
मतदान के बाद जीत-हार की गणना में जुटे प्रत्याशी व समर्थक
मतदान के बाद जीत-हार की गणना में जुटे प्रत्याशी व समर्थक

सहरसा। सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा उप चुनाव में लोकसभा के मुकाबले वोट प्रतिशत कम रहने से विधानसभा उप चुनाव के प्रत्याशी एवं उनके समर्थक उदास हैं। वोट प्रतिशत कम रहने का फायदा किस दल के पक्ष में जाता है इसके विश्लेषण के साथ नेता व कार्यकर्ता अब जीत-हार की गणना करने में जुट गये हैं। वहीं महिलाओं के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी को लेकर चौक-चौराहों से लेकर गांव की चौपालों पर बहस जारी है कि किसको कितना इस मत मिलेगा। इसको लेकर आपस में नोक-झोंक भी चल रही है। समर्थकों के जीत-हार का दावा अपने-अपने पक्ष में करने को ले बहस की जा रही है। कहीं-कहीं पार्टी समर्थक तो सट्टेबाजी भी करते सुने जा रहे हैं। स्थानीय स्टेशन चौक चाय दुकान पर जीत-हार की इस बहस में समर्थित दलों के लोग उलझ जा रहे हैं। अपने-अपने हिसाब से बूथों के वोट के प्रतिशत का गुणा गणित कर एक-दूसरे को कम कर आंक रहे हैं। इन लोगों की बहस होती देख बाजार के कई लोग अगल-बगल खड़े हो जीत-हार की गणना सुनते हैं। बहरहाल प्रत्याशियों की जीत-हार का फैसला तो 24 सितंबर को ही होना तय है। तब तक कोई भी एकदम पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस विधानसभा में इस बार हुए उप चुनाव में साढ़े 51 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस विधानसभा उप चुनाव में एनडीए के जदयू प्रत्याशी डॉ. अरुण कुमार के समर्थन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार का लंबा रोड शो एवं सभा सहित विधानसभा क्षेत्र में मंत्रियों की फौज के द्वारा जनसंपर्क किया गया। जबकि आसपास के जिलों के विधायक भी सक्रिय रहे। वहीं राजद प्रत्याशी जफर आलम के समर्थन में तेजस्वी यादव की तीन-तीन सभा, आसपास के जिलों से आये राजद विधायक भी जनसंपर्क अभियान से जुड़े रहे। दूसरी ओर वीआईपी के उम्मीदवार दिनेश निषाद के पक्ष में पार्टी सुप्रीमो मुकेश साहनी, हम के सुप्रीमो जीतनराम मांझी की ताबड़तोड़ सभा एवं रोड शो किया गया। चुनाव प्रचार में इन नेताओं ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई। इस बात का कयास लगाया जा रहा है कि जदयू एवं राजद के बीच रस्साकसी होगी। दूसरी तरफ वीआईपी समर्थक जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग इन्हें दोनों गठबंधनों में से किसी एक का नुकसान पहुचाने वाला मान रहे हैं। इनसे किनको कितना नुकसान होगा उसका आकलन हो रहा है।

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