जिले में दिव्यांगों के लिए शिक्षा विभाग चला रही कई योजनाएं
सहरसा। जिले में शिक्षा विभाग दिव्यांगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। शिक्ष
सहरसा। जिले में शिक्षा विभाग दिव्यांगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। शिक्षा विभाग कई वर्षों से दिव्यांगों का सर्वेक्षण नहीं कर पायी है। सरकारी आंकड़े में 2700 दिव्यांग चिह्नित हैं जिसमें से मात्र 2600 दिव्यांग स्कूलों में नामांकित है। सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है लेकिन इसके बाद भी दिव्यांगों को समाज के मुख्यधारा से नहीं जोड़ा गया है।
जिले में दिव्यांगों का भविष्य अधर में लटक गया है। कोरोना काल में इन दिव्यांगों के लिए पढ़ाई की कोई समुचित व्यवस्था शिक्षा विभाग या राज्य सरकार नहीं कर पाई है जबकि सामान्य छात्र-छात्राओं के लिए राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन क्लास शुरू करवाई, लेकिन इन दिव्यांगों की शिक्षा की कोई सुधि लेनेवाला नहीं है। समुचित संसाधन के अभाव में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बीच में छूट जाती है। पढ़ाई का समुचित संसाधन नहीं मिलने से अधिकांश छात्र-छात्रा दसवीं तक भी नहीं पहुंच पाते हैं। जिले में दिव्यांगों की संख्या करीब 4500 से अधिक है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में इसकी संख्या मात्र 2700 है। जिले में वर्ष 2018 में ही 60 बच्चों के बीच ट्राय साइकिल का वितरण किया गया। पिछले दो वर्षों में एक भी ट्राय साइकिल का वितरण नहीं किया गया है।
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दिव्यांगों को दी जा रही सर्जरी की सुविधा
शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों का नि:शुल्क सर्जरी इलाज कराती है। जिसके तहत हर वर्ष दिव्यांग छात्र-छात्राओं की सर्जरी करायी जाती है। पिछले पांच वर्षों में 67 बच्चों का सर्जरी करा चुकी है। जिसके अनुसार वर्ष 2016 में 26 दिव्यांग, 2017 में 12, 2018 में 15 एवं 2019 एवं 2020 में 7-7 बच्चों की करेक्टिव सर्जरी कराई गई।
दिव्यांगों की स्थिति प्रखंडवार
प्रखंड का नाम - संख्या
1. कहरा - 250
2. सोनवर्षा - 450
3. नवहट्टा - 350
4. सत्तरकटैया - 225
5. सौर बाजार - 300
6. महिषी -225
7. सलखुआ - 350
8. सिमरीबख्तियारपुर- 180
9. बनमा ईटहरी - 150
10. पतरघट - 220
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सरकार द्वारा तय किए गए मानक अनुरूप दिव्यांगों को हर तरह की सुविधा दी जा रही है। जिले में नामांकित दिव्यांग छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधा दी जा रही है। दिव्यांग छात्र-छात्राओं को उसके खाता में ही राशि दी जाती है।
जियाउल होदा खां, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समग्र शिक्षा