खाद की कीमत अधिक लेने पर दर्ज होगा मुकदमा
सहरसा। खरीफ मौसम का महत्वपूर्ण समय चल रहा है। यूरिया की मांग चरम पर है। जिले में यूरिया व अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में अगर किसी दुकानदार द्वारा कालाबाजारी करने या अधिक कीमत वसूलने की शिकायत मिलेगी उनपर केस दर्ज कराई जाएगी। उक्त बातें जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को विभिन्न उर्वरक कंपनी के प्रतिनिधियों व उर्वरक विक्रेताओं के साथ बैठक कर कही। कहा कि उर्वरक का जो एमआरपी अंकित है उससे एक रुपये भी अधिक वसूला जाना अपराध है।
सहरसा। खरीफ मौसम का महत्वपूर्ण समय चल रहा है। यूरिया की मांग चरम पर है। जिले में यूरिया व अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में अगर किसी दुकानदार द्वारा कालाबाजारी करने या अधिक कीमत वसूलने की शिकायत मिलेगी उनपर केस दर्ज कराई जाएगी।
उक्त बातें जिला कृषि पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को विभिन्न उर्वरक कंपनी के प्रतिनिधियों व उर्वरक विक्रेताओं के साथ बैठक कर कही। कहा कि उर्वरक का जो एमआरपी अंकित है, उससे एक रुपये भी अधिक वसूला जाना अपराध है। बिक्री पश्चात रसीद नहीं दिया जाना, स्टाक की सही जानकारी प्रदर्शित नहीं करना दंडनीय अपराध है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। वर्तमान समय में यूरिया 7874 एमटी उपलब्ध है। डीएपी 2731 एमटी, एनपीके 1296 एमटी, एमओपी 3430 एमटी, एसएसपी 220.550 एमटी तथा एएस 99.700 एमटी बिक्री के बाद उपलब्ध है। ऐसे में खाद की कमी का बहाना बनानेवाले दुकानदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में यूरिया का दर प्रति बैग (45 किग्रा.) 266.50 रु. डीएपी प्रति बैग(50 किग्रा.)1200, पोटाश 1000, एनपीके 12:32:16- 1350 रु, एनपीके 20:20:0: 13-,1090 रु., एनपीके 14:35:14- 1400, एनपीके 10:26:26- 1350 रु., एसएसपी- 425 रु. और एएस 735 रूपये प्रति बैग(50 किग्रा.) दर निर्धारित है। इससे अधिक वसूले जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक व सलाहकार को गांव स्तर से फीड बैक देने का निर्देश दिया गया है। इससे एक पैसा भी अधिक लिया जाना अनियमितता की श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि खाद की गुणवत्ता जांच के लिए रैक से लेकर दुकान तक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। जहां से सैंपल लेकर जांच की जाती है। सभी स्तर पर निगरानी रखी जाएगी। किसानों से मिलनेवाली हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। जिस क्षेत्र में कालाबाजारी व अनियमितता की अधिक शिकायतें प्राप्त होगी, उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी से कृषि सलाहकार तक पर कार्रवाई की जाएगी।