सहरसा में आपदा.. कोसी में घर बहा, गांव और समाज भी छूटा

केदली पंचायत अंतर्गत छतवन रामपुर असई पहाड़पुर गांव कोसी नदी की बाढ़ और कटाव से कई वर्षों से प्रभावित हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:05 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:05 PM (IST)
सहरसा में आपदा.. कोसी में घर बहा, गांव और समाज भी छूटा
सहरसा में आपदा.. कोसी में घर बहा, गांव और समाज भी छूटा

सहरसा। केदली पंचायत अंतर्गत छतवन, रामपुर, असई, पहाड़पुर गांव कोसी नदी की बाढ़ और कटाव से कई वर्षों से प्रभावित हो रहा है। इस बार कोसी नदी की मुख्य धारा पहाड़पुर गांव को अपने आगोश में लेकर विलीन करने में लगी है। गांव के लोगों को भागकर इधर-उधर शरण लेनी पड़ रही है। जिन लोगों का घर पुनर्वास स्थल में था, उन्हें तो थोड़ी राहत है, बाकी लोग ऊंचे स्थानों पर या रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं।

गांव के उपेन्द्र शर्मा, सत्यनारायण शर्मा का पूरा खेत नदी की धारा में बह गया है। वो अब सत्तर कटैया के बिजलपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं। जहां उनका घर व खेत था, वहां अब नदी बह रही है । रामपुर के सौखी मंडल, उपेंद्र मंडल, ओपी मंडल समेत कई लोग सुपौल जिले के परसरमा के समीप सोनक में शरण लिये हुए हैं। इन लोगों ने बताया कि यहां उनके कुछ रिश्तेदार हैं घर भी बहा गांव और समाज सब कुछ छूट गया।

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हर साल की है यह कहानी

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पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर स्थित 300 से अधिक गांवों की हर साल की यही कहानी है। हर वर्ष कोसी नदी के कटान और बाढ़ से विस्थापित होते रहते हैं। नदी विशेषज्ञ दिनेश कुमार मिश्र ने अपनी किताब दुई पाटन के बीच में लिखा है कि कोसी तटबंधों के बीच 380 गांव हैं। जो चार जिलों के 13 प्रखंडों पर फैले हुए हैं और उनकी आबादी 2001 की जनगणना के अनुसार 9.88 लाख है। तटबंध बनने से यह गांव दो पाटों के बीच फंसा है।

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