प्रीमानसूनी बारिश में ही नरक का रूप लेने लगा नगर
सहरसा। प्रीमानसून बारिश ने ही शहर को नारकीय हालत में लाकर खड़ा कर दिया है। रविवार
सहरसा। प्रीमानसून बारिश ने ही शहर को नारकीय हालत में लाकर खड़ा कर दिया है। रविवार की रात और बुधवार को हुई मामूली बारिश ने शहर के अधिकांश भाग को जलमग्न कर दिया है। ऐसे में मानसून के दौरान शहर की स्थिति का महज अंदाजा लगाया जा सकता है।
शहर के पूर्वी भाग में नाला निर्माण के कारण थोड़ी सहुलियत है, वहीं पश्चिमी भाग और अन्य कई मोहल्ले की स्थिति बेहद खराब हो गई है। रमजान के मौके पर कई अल्पसंख्यक मोहल्ले की भी हालत नारकीय हो गई है।
रविवार की रात और बुधवार के दिन में हुई मामूली बारिश के कारण पूरे शहर की सूरत बदल गई है। गंगजला मोहल्ले में नाला का निर्माण हो जाने से इसका असर कम दिखाई दे रहा है, परंतु नया बाजार, सराही, मीर टोला, बटराहा, शारदा नगर, कृष्णा नगर, सहरसा बस्ती, कायस्थ टोला, झपड़ा टोला आदि में निकासी व्यवस्था नहीं रहने के कारण बारिश का पानी जहां- तहां जमा हो गया है। इन सड़कों से आवागमन में लोगों को बेहद परेशानी हो रही है। कोरोना संक्रमण के कारण नगर परिषद के कई कर्मी बीमार है, शेष सैनिटाईजेशन व अन्य कार्यों में लगे हैं। इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं है। ऐसे में मामूली बारिश में ही लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
------
नालियों की नहीं हुई उड़ाही तो और बढ़ेगी समस्या
----
इस समय नगर परिषद नालियों की उड़ाही शुरू कर देता था। कोरोना संक्रमण के कारण इस ओर अभी ध्यान नहीं दिया गया। सभी नालियां जाम है। यही कारण है कि मामूली बारिश होने पर ही मोहल्ले व सड़कों पर पानी बह रहा है। रमजान के मौके पर मीर टोला मस्जिद के आगे घुटनाभर से अधिक पानी लगा है। आवागमन करते समय कई साईकिल, मोटरसाईकिल सवार व बच्चे प्राय: गिर जाते हैं। यही हाल सहरसा बस्ती का भी है। ऐसे में अगर नालियों की तुरंत उड़ाही नहीं कराई गई और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
-------
कोरोना संक्रमण में व्यस्तता के बावजूद नालियों की साफ- सफाई की भी योजना बना ली गई है। इस कार्य को समय पर पूरा कर लिया जाएगा, ताकि जहां नाला निर्माण नहीं हुआ है, वहां जलजमाव की स्थिति नहीं बने।
प्रभात रंजन, कार्यपालक पदाधिकारी, नप सहरसा।