यहां चलती है अवैध शराब का चलती-फिरती दुकान

सहरसा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। शराब पीने व रखने पर मुकदमा भी हो रहा है। कई को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 06:53 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 06:53 PM (IST)
यहां चलती है अवैध शराब का चलती-फिरती दुकान
यहां चलती है अवैध शराब का चलती-फिरती दुकान

सहरसा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। शराब पीने व रखने पर मुकदमा भी हो रहा है। कई को सजा भी हो चुकी है। परंतु इस धंधे में शामिल तस्कर रोज नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थिति यह है कि अवैध शराब की बिक्री के लिए कार में ही दुकान सजी रहती है। ऑर्डर मिलते ही शराब घरों तक उपलब्ध करा दिया जाता है। खरीद से तीन गुणा अधिक तक मुनाफा होने के कारण तस्कर इस धंधे से मालामाल हो रहे हैं।

सदर थाना पुलिस ने कुछ दिन पहले शहर के कुंवर टोला से एक कार जब्त की। कार में कुछ बंद व कुछ खुले हुए कार्टन में विभिन्न ब्रांड की शराब थी। कार देखने से काफी पुरानी लग रही थी और नंबर भी बिहार से बाहर का था। नंबर ऐसा था कि कार मालिक की पहचान भी नंबर के आधार पर करना मुश्किल था। संभावना यह जताई जा रही है कि कार में शराब लोड कर उसकी आपूर्ति घरों के समीप जाकर कर दी जाती थी।

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कैसे चलता है कारोबार

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जब शराब का ऑर्डर किसी व्यक्ति द्वारा दिया जाता है तो कुछ ही देर में बाइक से या साइकिल से उनके पास शराब पहुंच जाती है। शराब पहुंचाने वाले डिलेवरी ब्यॉय को इसके एवज में सौ से 50 रुपये तक तस्कर द्वारा दिया जाता है। जबकि हरियाणा या अन्य प्रदेश में निर्मित शराब तस्कर को चार से पांच हजार रुपये कार्टन मिल जाता है। जिसे तस्कर खुदरा व्यापारी के हाथ आठ से दस हजार रुपए कार्टन में बेचते हैं। और खुदरा व्यापारी उसे ग्राहकों तक ऊंची कीमत में पहुंचाते हैं। इस धंधे में कई ऐसे लोग भी हैं जो पुलिस के हत्थे अबतक नहीं चढ़े हैं। कई ऐसे कारोबारी हैं जो शराब की तस्करी कर पटना, कोलकाता समेत अन्य शहरों में मकान व जमीन तक खरीद चुके हैं।

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पुरानी गाड़ियों का होता है इस्तेमाल

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शराब की तस्करी में जुटे लोग बिहार के बाहर के गाड़ियां कम कीमत में खरीदते हैं। या फिर चोरी की बाइक को खरीद लेते हैं। इस गाड़ियों से शराब की आपूर्ति एक जगह से दूसरे जगह तक की जाती है। कभी अगर पुलिस इन गाड़ियों को शराब के साथ पकड़ भी लेती है तो गाड़ी मालिक के नाम व ठिकाना का पता नहीं चल पाता है। अगर चलता भी है तो ऐसे लोग या तो गाड़ी बेचने की कागजात प्रस्तुत करते हैं या फिर ये गाड़ियां चोरी की रहती है। जिस कारण तस्कर का सही पता नहीं चल पाता है।

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शराब बिक्री की जहां से भी सूचना मिलती है उसपर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। लगातार शराब की बरामदगी को लेकर छापेमारी की जा रही है।

राजमणि, सदर थानाध्यक्ष, सहरसा।

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