बुखार, बदन दर्द व लूजमोशन भी है कोरोना का लक्षण
सहरसा। शहर के गांधी पथ स्थित सूर्या हॉस्पीटल में कार्यरत पैथॉलोजिस्ट और एसोसिएशट प्रोफेसर डॉ. रामरंजन सिंह ने कहा कि लोगों को कोविड एंटीबॉडी टेस्ट कराना जरूरी है।
सहरसा। शहर के गांधी पथ स्थित सूर्या हॉस्पीटल में कार्यरत पैथॉलोजिस्ट और एसोसिएशट प्रोफेसर डॉ. रामरंजन सिंह ने कहा कि लोगों को कोविड एंटीबॉडी टेस्ट कराना जरूरी है। इससे मनुष्य के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बन रही है कि नहीं इसका पता चलता है। कोरोना के शुरूआती लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, सांस लेने में परेशानी और लूजमोशन होने पर यह कोरोना का लक्षण हो सकता है। इसकी शुरूआती दिनों में ही एंटीजन किट या आरपीपीसीआर से इसका पता चलता है कि कोरोना है कि नहीं, लेकिन कुछ दिनों बाद जब एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव रहता है तब इसका डायग्नोसिस एचआरसीटी टेस्ट और बायोकेमिकल एनालायसिस से किया जा सकता है। सहरसा में अब कोरोना के सारे बॉयोकेमिस्ट्री टेस्ट किए जाते हैं जिसमें सीआरपी, डी-डाइमर, फेररिटिन, एलडीएच और आइएल-6 जांच शामिल है। इसके अलावा कोविड स्पेसिफिक एंटीबॉडी टेस्ट भी होता है। आई जीएम एंटीबॉडी संक्रमण के सात दिनों में मिलना शुरू हो जाता है जो ब्लड में छह वीक तक रहता है। आइजीजी एंटीबॉडी दो वीक में ब्लड में आता है और 4- 5 महीने तक रहता है जो कोविड-19 के री- इंफेक्शन से बचाता है। यही आइजीजी एंटीबॉडी वैक्सीन लेने से भी बनता है। लेकिन कुछ लोगों में देखा गया है कि दो डोज वैक्सीन लेने के बाद भी आइजीजी एंटीबॉडी नहीं बना है, जो लोग दोनों डोज वैक्सीन ले चुके हैं और उनके शरीर में एंटीबॉडी बना है या नहीं, इसकी जांच आइजीजी कोविड एंटीबॉडी टेस्ट से पता चल सकता है इसीलिए इसका टेस्ट भी जरूरी होता है। कोरोना लक्षण होने पर सीधे रूप से इसकी जांच कराएं और चिकित्सक की सलाह पर दवा लेना शुरू कर दें। समय रहते ही इसका उपचार शुरू होने से कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है।