कोरोना मरीज का शव जलाने से रोक रहे हैं आम लोग
सहरसा। कोरोना ने जहां रिश्ते को तार-तार कर दिया है। वहीं अब तो शव का दाह संस्कार कर
सहरसा। कोरोना ने जहां रिश्ते को तार-तार कर दिया है। वहीं अब तो शव का दाह संस्कार करने से भी लोग रोक रहे हैं। सोमवार को एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत होने के बाद शव का दाह संस्कार बैजनाथपुर के समीप एक धार के किनारे पहुंचे स्वजनों को लोगों का विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने सदर अस्पताल के शव वाहन पर ईंट-पत्थर की बारिश कर दी। जिसमें शव वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
जानकारी के अनुसार शहर के गौतमनगर निवासी एक महिला की मौत कोरोना से हो गई। मौत होने के बाद जहां आसपास के लोग ही नहीं अपने रिश्तेदार भी दूर हो गये। चार लोग भी नहीं थे जो शव को कंधा दे सके। उसके बाद उन्होंने सरकारी मदद मांगी। सदर अस्पताल का शव वाहन उनके घर पर पहुंचा जहां शव को वाहन में रखकर कुछ स्वजन उसे बैजनाथपुर के समीप एक धार के किनारे जहां पूर्व से शव को जलाया जाता है वहां ले गये। शव वाहन देखकर स्थानीय लोगों को कानोंकान खबर लग गयी कि मरीज कोरोना पॉजिटिव थी और उसका दाह संस्कार करने के लिए लाया गया है। फिर क्या था आसपास के लोग जुटे और दूर से ही विरोध जताने लगे और ईंट-पत्थर फेंकने लगे। जिसमें वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि तबतक शव को नीचे उतार दिया गया। ईंट-पत्थर फेंकते देखकर स्वजन व शव वाहन चालक डर गये। चालक किसी तरह वाहन लेकर वहां से भागा। जबकि स्वजन भी शव लेकर वहां से निकल गये जिसके बाद दूसरे किसी जगह शव को जलाया गया। अस्पताल प्रबंधक अमित कुमार चंचल ने बताया कि शव कोरोना पॉजिटिव महिला की थी। जिसे शव वाहन से दाह संस्कार के लिए भेजा गया था। लेकिन, लोगों ने शव देखकर ईंट-पत्थर फेंका जिसमें वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि सरकारी स्तर पर एक और जिलाधिकारी के आदेश से एक यानि दो शव वाहन अस्पताल में थे जिसमें से एक क्षतिग्रस्त होने से समस्या हो गई है।