संक्रमित होने पर हमेशा पॉजिटिव सोच रखें: डॉ. राकेश कुमार

सहरसा। शहर के पूरब बाजार स्थित पुरानी राइस मिल निवासी प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ. राकेश कुम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:11 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:11 PM (IST)
संक्रमित होने पर हमेशा पॉजिटिव 
सोच रखें: डॉ. राकेश कुमार
संक्रमित होने पर हमेशा पॉजिटिव सोच रखें: डॉ. राकेश कुमार

सहरसा। शहर के पूरब बाजार स्थित पुरानी राइस मिल निवासी प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन डॉ. राकेश कुमार कहते हैं कि कोरोना संक्रमित होने पर हर हमेशा पॉजिटिव सोच रखें। नकारात्मक विचारों और नकारात्मक समाचार दोनों से बचें। हर समय पॉजिटिव सोच के साथ जीने का प्रयत्‍‌न करें। अपने आसपास की सफाई पर ध्यान दें और हमेशा साफ सुथरा रहने का प्रयास करें। आइसीयू में भर्ती मरीजों को भी अपने आसपास सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे संक्रमण का खतरा कम हो सकें। डायबिटीज वाले व्यक्ति को विशेष परहेज देना चाहिए और ब्लड शूगर पर नियंत्रण रखें। हमेशा अपने चिकित्सक से सलाह लेते रहें। साथ ही मल्टीविटामिन की गोली प्रतिदिन लेते रहे। कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों पर शूगर लेवल बढ़ जाने से उसका खतरनाक रूप भी हो सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो जाने के बाद भी उसकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है। साथ ही कोरोना संक्रमित को स्ट्रायड इंजेक्शन से भी प्रतिरोधक क्षमता घटती है। ऐसे में इन दिनों कोरोना काल में म्यूकोरोमाइकोसिस जैसी बीमारी बढ़ने लगी है। कमजोर व्यक्ति आसानी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस परिस्थिति में मरीज समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो पहले मरीज के आंखों की रोशनी चली जाती है। बाद में यही फंगस मस्तिष्क में पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। यह फंगस की बीमारी है। यह फंगस भी कोरोना वायरस की ही तरह नाक के जरिए प्रवेश करता है। फंगस त्वचा के साथ-साथ आंखों और मस्तिष्क तक को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन कोरोना काल में यह अधिक बढ़ गई है। जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है म्यूकोरोमाइकोसिस उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाता है इसीलिए कोरोना संक्रमित मरीज हर हमेशा अपने शूगर लेवल की जांच कराकर उसे नियंत्रण में रखें और अपनी डाइट पर भी विशेष ध्यान दें।

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