पैरवी और पहुंच होने पर मिलती है बेहतर सुविधा

सहरसा। कोरोना के इस जंग में जहां सरकारी अस्पतालों में बेहतर काम हो रहा है वहीं कुछ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 07:11 PM (IST)
पैरवी और पहुंच होने पर  मिलती है बेहतर सुविधा
पैरवी और पहुंच होने पर मिलती है बेहतर सुविधा

सहरसा। कोरोना के इस जंग में जहां सरकारी अस्पतालों में बेहतर काम हो रहा है, वहीं कुछ कामचोर लोगों के कारण सरकारी व्यवस्था से लोगों का मन खिन्न हो रहा है। कोविड अस्पताल हो या इमरजेंसी वार्ड हर जगह पैरवी और पहुंच की जरूरत लोगों को पर रही है जिनकी जितनी पहुंच है उस हिसाब से इलाज हो रहा है।

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जांच में नहीं होती है परेशानी

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सदर अस्पताल में कोरोना जांच की बात करें तो इसमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। एंटीजन के अलावा चार नये ट्रनेट मशीन आने के कारण हर दिन करीब चार सौ लोगों की जांच हो रही है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में विलंब तो हो रहा है। लेकिन स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा रहने से लोग एंटीजन व ट्रनेट से ही जांच करा रहे हैं।

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क्या कहते हैं मरीज के स्वजन

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कोविड सेंटर में भर्ती मरीज के स्वजन कहते हैं कि अगर मरीज के साथ उनके सहयोगी न रहे हैं तो इलाज व दवा समय पर नहीं मिल पाता है। एक मरीज के स्वजन धीरज ने बताया कि यहां पैरवी वालों की अधिक पूछ होती है। कोई अच्छे डॉक्टर आते हैं तो चिह्नित मरीज को ही देखकर चले जाते हैं। सभी मरीज के संबंध में जानकारी तक नहीं लेते हैं। एक मरीज हीरा ठाकुर जिनकी मौत कोरोना से हो गई। उनके स्वजन ने बताया कि यहां आने के बाद ऑक्सीजन तो लगा दिया गया। परंतु दो दिन में एक भी डॉक्टर देखने नहीं आए। एक डॉक्टर काफी आग्रह पर आए तो जांच लिख दिया। जब जांच रिपोर्ट आया तो देखने वाला कोई नहीं था। देर रात हालत बिगड़ी तो रेफर कर दिया गया और मधेपुरा पहुंचते ही उनकी मौत हो गई। उनका कहना था कि जिसकी पैरवी नहीं रहती है उसे कर्मी व डॉक्टर अच्छे तरीके से नहीं देखते हैं। एक मरीज के स्वजन ने बताया कि नर्स भी रात को देखने नहीं आती है। बुलाने जाने पर फटकार लगाती है। डॉक्टर की तो छोड़ ही दीजिए।

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आइसीयू में शुरू हुआ कार्य

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छह बेड के आइसीयू व वेंटीलेटर में से दो बेड पर मरीज भर्ती होने लगे हैं। हालांकि चार बेड की व्यवस्था अभी दुरुस्त नहीं हुई है। अस्पताल में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की फिलहाल कोई किल्लत नहीं है। इमरजेंसी वार्ड में भी मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा मिल रही है। हालांकि इमरजेंसी वार्ड इन दिनों मरीजों की संख्या के हिसाब से छोटा पड़ रहा है। जिस कारण मरीजों को परेशानी होती है।

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