आपदा डरने की नहीं, सीखने का देता है अवसर : परमेश्वर
सहरसा। किसी आपदा का समय इंसान के जीवन के लिए सबसे कठिन समय समझा जाता है लेकिन यह समय ड
सहरसा। किसी आपदा का समय इंसान के जीवन के लिए सबसे कठिन समय समझा जाता है लेकिन यह समय डरने का नहीं बल्कि सीखने का होता है। उक्त बातें शिव शिष्य परिवार के वरिष्ठ गुरू भाई परमेश्वर राय ने कही। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रकृति आपको जब कोई महत्वपूर्ण सीख देना चाहती है तो आपके समक्ष कठिन परिस्थिति पैदा करती है।जब इंसानों के समक्ष परिस्थिति कठिन होती है और वो जीवन की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा होता है तब इंसानों द्वारा बनाई गई जाति धर्म, पंथ, अमीर गरीब, ऊंचनीच जैसी दीवारें स्वत: खत्म हो जाती है। ऐसे समय में सभी इंसानों की प्रमुखता होती जीवन की रक्षा और दूसरों मदद करना।कठिन समय में सामाजिक सौहार्द बढ़ जाता है।कोरोना महामारी भी इंसानों के लिए कई सीख लेकर आयी है। धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रकृति के पांच तत्वों से जीव का निर्माण हुआ है हमें उन पांच तत्वों को दूषित होने से बचाना होगा वरना प्रकृति इनमें बढ़ चुके प्रदूषण को स्वच्छ करेगी।आज के विकास के दौर में इंसानों ने उन सभी पांच तत्व को दूषित कर दिया है ।कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थिति ने लाकडाउन लगाने पर सरकार को मजबूर कर दिया है जिससे पर्यावरण ,जल ,मिट्टी ,आकाश सहित सभी पंच तत्व के प्रदूषण स्तर में सुधार दर्ज की जा रही है।जिस दिन यह स्तर जीवन के अनुकूल हो जाएंगे सब कुछ सामान्य हो जाएगा।इसलिए डरें नहीं प्रकृति के स्वच्छता अभियान में सहयोग करें। पौधे लगाए ,जल संरक्षण करें ,वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ने से रोकें। यह हमारा धर्म ही नहीं कर्तव्य भी है।प्रकृति इस रूप में हमें हमारा कर्तव्य बोध करवा रही है।