घरों में रहकर अदा करें माहे रमजान में नमाज

सहरसा। रमजान का इस्लाम में खास महत्व होता है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर लोगों की ज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 06:02 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 06:02 PM (IST)
घरों में रहकर अदा करें 
माहे रमजान में नमाज
घरों में रहकर अदा करें माहे रमजान में नमाज

सहरसा। रमजान का इस्लाम में खास महत्व होता है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर लोगों की जान माल की सुरक्षा के लिए रमजान में भी नमाज के लिए नियम निर्धारित कर दिये गये हैं। लोगों से अपील की गई है कि वो मस्जिदों में न आएं और अपने घरों पर नमाज पढ़ें। रोजा के साथ ही इबादत की सारी प्रक्रिया घर पर संपन्न करें। इसके अलावा वैक्सीन लेने भीड़भाड़ से बचने सामाजिक दूरी बनाए रखने मास्क पहनने हाथ की साबुन से सफाई आदि करने की भी अपील की गई है।

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पांच वक्त पढ़ते हैं नमाज

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सुबह की नमाज जिसे फजर, दोपहर की नमाज जिसे जोहर, शाम से पहले की नमाज जिसे अस्त्र, शाम के वक्त की नमाज जिसे मगरिब और शाम के बाद रात में पढ़ी जाने वाली नमाज जिसे इशा कहते हैं। ये पांचों वक्त का नमाज इस्लाम में बेहद महत्वपूर्ण है। रमजान के महीने में नमाज की खास अहमियत है। मुस्लिम समुदाय के लोग दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। कुरान की तिलावत और दिन में रोजा रखकर करते हैं। तड़के सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद एक इफ्तार करते हैं। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तराबीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं।

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फोटो: 11 एसएआर 4

मुसलमान महामारी, युद्ध और मानव संकट के समय घर में नमाज अदा कर सकते हैं। साथ ही अगर उनको किसी तरह से जान का खतरा है तो भी वह घर में नमाज अदा कर सकते हैं।मौलाना कारी जमील, इमाम

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फोटो: 11 एसए 3

हदीस में कहा गया है कि नुकसान या पारस्परिक नुकसान का कारण न बनें। जो कोई दूसरों को हानि पहुंचाता है अल्लाह उसे नुकसान पहुंचाएगा।जो कोई दूसरों के साथ कठोर है, अल्लाह उसके साथ कठोर होगा। इसलिए हदीस की मानते हुए कोरोना से खुद का बचाव कर दूसरों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए ।

मो. महीउद्दीन, इमाम, गुलाब वाली मस्जिद, नवहट्टा

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फोटो: 11 एसए 5

कोरोना के चलते बिगड़ते हालात में शिद्दत इख्तियार करने की जरुरत है। लिहाजा हमें रमजान के महीने में भी नमाज घरों में रहकर ही अदा करनी है।

मोइन अहमद, इमाम, मस्जिदें इल्तिजा, मझौल

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