बढ़ती ठंड व गर्म होता चुनावी माहौल कोरोनाकाल के लिहाज से खतरनाक

सहरसा। सुबह शाम बहने वाली ठंड़ी हवा जहां लोगों को बीमार कर रही है। वहीं दिनों दिन नज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:35 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:35 PM (IST)
बढ़ती ठंड व गर्म होता चुनावी माहौल
कोरोनाकाल के लिहाज से खतरनाक
बढ़ती ठंड व गर्म होता चुनावी माहौल कोरोनाकाल के लिहाज से खतरनाक

सहरसा। सुबह शाम बहने वाली ठंड़ी हवा जहां लोगों को बीमार कर रही है। वहीं दिनों दिन नजदीक आते चुनाव की सरगर्मी भी तेज हो गई है। चुनाव कार्य में लगे लोग दिनभर कई लोगों से मिलते हैं जिनमें से कई कोविड- 19 के नियमों की अनदेखी करते हुए मिलते हैं। ऐसे में इनके के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इस दौरान बुजुर्गों तथा बीमार व्यक्तियों को भी अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कोविड-19 के नियमों का पूर्ण पालन करना चाहिए। क्योंकि उनकी प्रतिरक्षण प्रणाली कमजोर रहती है ऐसे में वे आसानी से कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।

---- कोविड- 19 के नियमों की अनदेखी पड़ सकती है भारी

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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद प्रसाद ने कहा कि मौसम के हिसाब से अभी दिन में अच्छी खासी धूप रहती है जिससे से लोग अभी ठंड़े कपड़ों का उपयोग नहीं कर रहे हैं लेकिन सुबह और शाम ठंड़ी हवाऐं के बहने से मौसमी बुखार एवं फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। तीसरे चरण में जिले में सम्पन्न होने जा रहे चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार प्रत्येक दिन बढ़ गया है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों का घर-घर भ्रमण मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं से मिलना हो रहा है जबकि कोरोना संक्रमण के लिहाज से सही नहीं है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने आगे कहा कि चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आएंगे लोगों का बड़े स्तर पर मिलना-जुलना बढ़ेगा। अधिक से अधिक संख्या में लोग एक दूसरे से मिलेंगे। छोटे से लेकर बड़े सभाओं का आयोजन होगा, भीड़-भाड़ बढे़गी इस बीच कोविड-19 के नियमों का पूर्णत: अनुपालन सुनिश्चित नहीं रहा पाएगा ऐसी स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि कोविड- 19 के नियमों का पालन करना चाहिए।

----- संक्रमण से बचने के लिए मुंह-नाक एवं हाथों का रखें ख्याल

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डॉ विवेकानंद प्रसाद ने कहा मात्र मुंह-नाक और हाथ को सुरक्षित रखकर काफी हद तक कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है। ऐसे में मुंह-नाक को ढकने के किसी भी साधन का उपयोग निश्चित रूप से करें। वैसे चुनावी समय में गमछे का उपयोग अधिक से अधिक होता है। चुनाव प्रचार में लगे अधिकांश लोग गमछे का उपयोग करते हैं। ऐसा देखा भी गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान वे मास्क तो लगाते ही हैं साथ में कभी-कभी गमछे का भी उपयोग मास्क के रूप में करते हैं जो कोरोना के प्रति उनकी संवेदनशीलता एवं जागरूकता को दर्शाता है।

---- चुनाव प्रचार के दौरान हाथ एवं गले मिलने से परहेज करें

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डॉ विवेकानंद प्रसाद ने कहा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा पूर्व में होता आया है कि लोग जब एक-दूसरे से मिलते थे तो हाथ मिलाते एवं गले मिलते थे किंतु यह चुनाव पूर्व के चुनावों से अलग कोरोना महामारी के बीच किया जा रहा है, ऐसे में जरूरी है कि अपना एवं दूसरों का ख्याल रखते हुए हाथ एवं गले मिलने से परहेज करें। अभिवादन के लिए हाथ जोड़ना भारतीय दर्शन का मूल रूप है इसे अपनायें।

---- मैसमी फ्लू एवं कोरोना संक्रमण के अंतर को समझें

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डॉ विवेकानन्द प्रसाद ने कहा बढ़ते ठंड के साथ मौसमी फ्लू के मरीज बढ़ रहें। इस तरह के मरीजों के कुछ लक्षण कोरोना के मरीजों से कुछ मिलते जुलते हैं। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि बीतते दिनों के साथ जहाँ फ्लू से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों में कमी आती है वहीं कोरोना से संक्रमितों के साथ ये लक्षण बढ़ते जाते हैं। जैसे- गले में खरास आना, सुखा कफ निकलना, शरीर का तापमान ज्यादा रहना आदि।

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