कोरोना का खौफ, पानी से मौत

सहरसा। कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। प्रशासन भी इसे लेकर सतर्क है। चा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 07:07 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 07:07 PM (IST)
कोरोना का खौफ, पानी से मौत
कोरोना का खौफ, पानी से मौत

सहरसा। कोरोना का खौफ लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। प्रशासन भी इसे लेकर सतर्क है। चौकसी बरती जा रही है। भले ही लोग कोरोना के खौफ में जी रहे हों, लेकिन मौत यहां पानी से हो रही है। जिले में पिछले एक सप्ताह के अंदर पानी में डूबकर 31 लोगों की जान चली गई है। कोरोना से अबतक मात्र एक की मौत हुई है, जबकि 268 लोग संक्रमित हैं।

जिले में बहने वाली कोसी, कारी कोसी, सुरसर, तिलाबे, धेमरा सहित अन्य छोटी नदियों व सीपेज के पानी में हर साल दर्जन भर लोग अपनी जान गंवाते हैं। बरसात के दिनों सर्पदंश से भी मौत का आंकड़ा बढ़ जाता है। नेपाल में होने वाली बारिश व जलस्राव का असर इस इलाके पर पड़ता है। यहां के नदी-नाले उफनाते हैं और गड्ढे-चौर आदि भर जाते हैं। इस वर्ष प्रकृति का कहर कुछ अधिक ही दिख रहा है। ऐसे में हादसों की संख्या बढ़ गई है। इस वर्ष डूबकर 50 लोगों की मौत हुई है। विगत तीन वर्षो में पानी में डूबने से जिले में 171 लोगों मौत हुई। गर्मी व बरसात के दिनों में यहां नागराज का खौफ भी सिर चढ़कर बोलता है। यहां सर्पदंश से पिछले तीन वर्षो में 16 लोगों की मौत हुई है। :- सरकारी दावे अलग : डूबकर मरने व सर्पदंश से हुई मौत को लेकर आपदा प्रबंधन में अनुदान के लिए मात्र 12 आवेदन लंबित हैं। लगभग डेढ़ दर्जन रिपोर्ट अंचल स्तर पर लंबित है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि 2017 के बाद मानक के अनुसार बाढ़ के पानी में डूबकर गत वर्ष एक व्यक्ति की मौत हुई। शेष सभी की मौत विभिन्न गड्ढों-तालाबों डूबकर हुई है। इनमें अधिकांश बच्चे ही शामिल होते हैं। बाढ़ की अवधि रहने के कारण आपदा अधिनियम के तहत इन सभी लोगों को चार लाख का अनुदान दिया जाता है। सर्पदंश में भी इसका प्रावधान है। इसके अनुरूप भुगतान भी किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारीनुसार बाढ़ के समय भी सर्पदंश से मौत होने पर अंचल कार्यालय द्वारा कोई- न कोई नुस्खा लगा दिया है, जिससे कई लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है। दो दिन पूर्व सिरवार- वीरवार में एक व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई, परंतु उसका पोस्टमार्टम भी नहीं करवाने दिया गया। इस तरह कई लोग अनुदान की सुविधा से वंचित भी हो जाते हैं।

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वर्ष डूबकर मरने वाले

2018-19 : 59

2019-20 : 74

इस वर्ष में अबतक : 50

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अंचलों से प्राकृतिक आपदा से मौत की रिपोर्ट आने पर भुगतान में कोई विलंब नहीं किया जाता है।

- राजेन्द्र दास

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी

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