कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए नहीं है मुक्कमल तैयारी

जासं सहरसा कोरोना के नये वेरिएंट आने के बाद भी लोग कोरोना को लेकर सतर्क नहीं हो रहे हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी मुकम्मल तैयारी नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 07:15 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 07:18 PM (IST)
कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने 
के लिए नहीं है मुक्कमल तैयारी
कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए नहीं है मुक्कमल तैयारी

जासं, सहरसा: कोरोना के नये वेरिएंट आने के बाद भी लोग कोरोना को लेकर सतर्क नहीं हो रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी मुकम्मल तैयारी नहीं की गई है। आक्सीजन प्लांट से सदर अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति तो शुरु हुई लेकिन अबतक सीटी स्कैन सेंटर शुरु नहीं हो पाया है।

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डाक्टर की है कमी

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कोरोना के दूसरी लहर के दौरान डाक्टर की कमी खली थी, लेकिन कोरोना काल में 13 डाक्टर की बहाली की गई। बावजूद डाक्टर की संख्या अब भी कम ही है जिसके कारण इसबार अगर अमीक्रोन का प्रभाव फैलता है तो लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। वैसे, निजी क्लिनिक में बेड की कमी रही थी जिन्हें प्रशासन ने इलाज के लिए अधिकृत किया था। सरकारी अस्पताल में बेड की कमी नहीं रही थी। आइसीयू भी कारगर नहीं है। जिस कारण गंभीर मरीजों को परेशानी हो सकती है।

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बाहर होता है आरटीपीसीआर जांच

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कोरोना के जांच के लिए एंटीजन किट का सहारा अब भी लिया जाता है। ट्रूनेट मशीन भी कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। आरटीपीसीआर जांच के लिए मधेपुरा मेडिकल कालेज भेजा जाता था। जिस कारण रिपोर्ट तीन-चार दिन बाद मिल पाती थी। इसबार भी वही स्थिति बनीं रहने की उम्मीद है। जिले में टेस्ट करने की रफ्तार भी कम हो गयी है। जिस कारण सही आकलन नहीं हो पा रहा है।

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लापरवाह बनें है लोग

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कोरोना की दूसरी लहर खत्म होते ही लोग लापरवाह हो गये हैं। 10 फीसद लोग भी मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग नहीं करते हैं। बाजार में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। मास्क चेकिग अभियान भी नहीं चल रहा है। दवा दुकानदार बंटी कहते हैं कि सैनिटाइजर व मास्क की बिक्री अब नहीं के बराबर हो रही है। अगर बसों की बात करें तो क्षमता से अधिक यात्री बसों में बिठाये जा रहे हैं। माल व बाजार में भीड़भाड़ पर कोई नियंत्रण नहीं है। किसी भी होटल में डिस्पोजेबल ग्लास व प्लेट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। पुराने ढ़र्रे पर लोग लौट चुके हैं। जिस कारण अगर तीसरी लहर आई तो स्थिति भयावह हो सकती है।

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लगातार जांच की जा रही है। विदेशों से आने वालों पर नजर रखी जा रही है और जांच भी हो रही है। आशा, सेविका की सूचना पर भी कार्रवाई हो रही है। पर्याप्त संसाधन में तैयारी कर ली गई है।

डा. अवधेश कुमार, सिविल सर्जन, सहरसा।

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