बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां

सहरसा। सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न चिमनी भट्ठा एवं सभी चौक-चौराहे पर संचालित छोटे-बड़े

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Dec 2019 05:32 PM (IST) Updated:Mon, 23 Dec 2019 05:32 PM (IST)
बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां
बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियां

सहरसा। सौरबाजार प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न चिमनी भट्ठा एवं सभी चौक-चौराहे पर संचालित छोटे-बड़े होटलों में कम उम्र के नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराई जाती है। पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के लिए सभी वार्डो में आंगनवाड़ी केंद्र की व्यवस्था है। वहीं विद्यालयों में भी मुफ्त पढ़ाई की व्यवस्था है, जहां खाना, किताब, कपड़ा व छात्रवृत्ति राशि आदि बच्चों को दी जाती है लेकिन प्रशासन की उदासीनता इस कदर है कि दर्जनों बाल मजदूर को प्रतिदिन ठेकेदारों द्वारा अन्य राज्यों में मजदूरी कराने को ले जाया जाता है।

प्रखंड क्षेत्र के बैजनाथपुर चौक, सबैला चौक, समदा बाजार, भवटिया, कांप बाजार,बैजनाथपुर स्टेशन चौक समेत अन्य छोटे बड़े चौक चौराहे पर खुलेआम बच्चों से मजदूरी करवाया जाता है। श्रम विभाग के अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते। अधिकतर चिमनी भट्ठा व होटल संचालक के पास लेबर लाइसेंस है लेकिन वे लेबर लाइसेंस की आड़ में कम मजदूरी पर बाल मजदूरों से काम कराया जा रहा है। इन प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों का शोषण किया जाता है। होटलों में काम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के दलालों से बाल मजदूर मंगवाए जाते हैं। कई गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों को काम पर लगा जाते हैं। जबकि कई दलाल बाल मजदूर सप्लाई करते हैं।

chat bot
आपका साथी