सहरसा में थम सकती हैं सांसें, नहीं पहुंची आक्सीजन की पाइपलाइन
कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह नहीं थम सकी है। जबकि तीसरी लहर आने की आशंका बनीं हुई है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह सजग नहीं दिख रहा है।
सहरसा। कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह नहीं थम सकी है। जबकि तीसरी लहर आने की आशंका बनीं हुई है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह सजग नहीं दिख रहा है। आक्सीजन प्लांट तो बन रहा है परंतु, कोरोना वार्ड तक आक्सीजन का पाइपलाइन नहीं पहुंचा है। अगर तीसरी लहर आई तो मरीजों को आक्सीजन सिलेंडर पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है।
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सदर अस्पताल में बढ़ी डाक्टर की संख्या
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही सदर अस्पताल में डाक्टर की संख्या बढ़ गयी। लेकिन इसमें कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। पूर्व में डाक्टर की संख्या 14 थी जो बढ़कर वर्तमान में 31 हो गयी है। बावजूद अब भी डाक्टर की संख्या पर्याप्त नहीं है। सबसे अहम यह कि कोरोना की दूसरी लहर में यह बातें सामने आती थी कि डाक्टर कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को देखते तक नहीं थे। नर्स के सहारे मरीजों को छोड़ दिया जाता था। ड्यूटी तो डाक्टर की रहती थी परंतु वो मरीजों को देखने के बदले समय बिताना या निजी क्लिनिक में अधिक समय ही देते थे। जिस कारण डाक्टर की संख्या बढ़ने के बाद भी तीसरी लहर आने के बाद मरीजों को कितना लाभ मिल पाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
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नहीं हुआ सीटी स्कैन का अधिष्ठापन
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही सदर अस्पताल में सीटी स्कैन लगाने की पहल होने लगी लेकिन दो माह बाद भी सीटी स्कैन का अधिष्ठापन नहीं हो सका। पीपीपी माडल से लगने वाली यह मशीन अबतक अस्पताल नहीं पहुंची है। काम की रफ्तार भी काफी सुस्त है। वैसे, जिलाधिकारी द्वारा लगातार पहल की जा रही है। बावजूद यह कब चालू हो पाएगा यह कहना मुश्किल है।
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आइसीयू व वेंटिलेटर की नहीं बढ़ी संख्या
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सदर अस्पताल में वर्षों से बंद आइसीयू वार्ड का संचालन तो शुरू हुआ। चार बेड के आइसीयू वार्ड में कुछ मरीजों को कोरोना की दूसरी लहर में भर्ती कराया गया। परंतु इसकी संख्या नहीं बढ़ सकी है। छह में से दो वेंटिलेटर को भी चालू किया गया। परंतु तीसरी लहर आने के बाद वेंटीलेटर कम रहने से परेशानी बढ़ सकती है।
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कोरोना वार्ड तक नहीं बिछा पाइपलाइन
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सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। अस्पताल के 122 बेड तक इस प्लांट का पाइपलाइन बिछा दिया गया है। दो सौ बेड का कोरोना वार्ड पारा मेडिकल कालेज में बना हुआ है लेकिन इस वार्ड तक पाइपलाइन नहीं पहुंचा है। जिस कारण आने वाले समय में अगर तीसरी लहर आती है तो मरीजों को फिर सिलेंडर के सहारे ही सांस दी जाएगी।
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शिशु के लिए नहीं बना वार्ड
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तीसरी लहर की आशंका को लेकर कहा जा रहा है कि यह बच्चों को अधिक प्रभावित करेगा। लेकिन कोरोना के लिए शिशु वार्ड अलग से अबतक नहीं बन सका है। ना ही इसको लेकर कोई पहल हो रही है।
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सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट, सीटी स्कैन अधिष्ठापन का कार्य चल रहा है। डाक्टर की संख्या बढ़ी है। संसाधन बढ़ाये गये हैं।
डा. अवधेश कुमार, सीएस, सहरसा।