मैं महखड़ पंचायत, सब्जी की खेती बन रही है मेरी पहचान
सहरसा। मैं महखड़ पंचायत हूं। अनुमंडल मुख्यालय से छह किलोमीटर की दूरी पर सहरसा सड़क मार्ग के किनारे स्थित हूं। मेरा क्षेत्रफल पांच किलोमीटर लंबा एवं चार किलोमीटर चौड़ा है।
सहरसा। मैं महखड़ पंचायत हूं। अनुमंडल मुख्यालय से छह किलोमीटर की दूरी पर सहरसा सड़क मार्ग के किनारे स्थित हूं। मेरा क्षेत्रफल पांच किलोमीटर लंबा एवं चार किलोमीटर चौड़ा है। बगरोली,हनुमान नगर चकला, पंचसीबी, पासवान टोला,महादलित टोला,यादव टोला, हुसैन चक एवं अन्य आधे दर्जन छोटे-छोटे टोला को मिलाकर एक राजस्व गांव महखड़ बना हूं। नौ हजार की आबादी मेरे यहां बसती है। बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि प्राचीन काल में कोसी के तिलावे नदी इस गांव होकर बहा करती थी। उसी क्रम में एक खंड बना जहां पर लोग बसने लगे और बाद में उसी खंड के कारण पंचायत का नाम महखड़ पड़ा।
कोसी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इस इलाके में एक खास किस्म का खड़ जिसमें से एक खास प्रकार की खुशबू निकलती थी जिसकी प्रचुर मात्रा में पैदावार होती थी। जिसके नाम पर पंचायत का नाम रखने की बात बताई जा रही है। सब्जी की खेती से भी महखड़ पंचायत की पहचान बन रही है। ब्रोकली एवं एप्पल बैर की खेती कर यहां के किसानों ने जिले में अपनी पहचान बनाई। देखादेखी अन्य किसान भी सब्जी की खेती से जुड़ने लगे। अब इस पंचायत का मुख्य पेशा सब्जी की खेती ही बन गया है। फूल गोभी, भिडी,मिर्च,आलू,केरला झींगा,झिगली की खेती कर पंचायत के लोगो के लिए जीविका उपार्जन का साधन बन गया है। सर्वप्रथम यहां के किसान रंजीत कुमार ब्रोकली की खेती कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने। पंचायत के ग्रामीण बुद्धिजीवी एवं अन्य लोग कहते हैं इस पंचायत में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दिए जाने के कारण इनका अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है।वे कहते हैं कृषि विभाग की ओर से इन्हें सहयोग मिलना चाहिए।
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पंचायत के लोगों का मुख्य पेशा
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पंचायत के लोगों का मुख्य पेशा खेती एवं किसानी ही है। अस्सी फीसद के लगभग इस पंचायत के लोग सब्जी की खेती से जुड़े हुए हैं परंतु इस पंचायत में स्टेट बोरिग की सुविधा नहीं होने के कारण पंचायत के लोग परेशान रहते हैं।
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पंचायत की प्रमुख समस्या
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जलजमाव की समस्या से सालों भर झूलते रहते हैं महखड़ पंचायत के ग्रामीण। हर वर्ष जलजमाव एवं सीपेज के कारण इस पंचायत के अन्य दाताओं का फसल डूब कर बर्बाद हो जाता है। सांसद फंड से एक करोड़ 64 लाख की राशि से बनने वाले अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं होने से यहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है। पंचायत में पशु अस्पताल की भी कमी है। जिससे यहां के पशुपालकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
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पंचायत एक नजर में
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कुल मतदाता-6786
पुरुष मतदाता-3473
महिला मतदाता-3313
कुल वार्ड-13
आंगनबाड़ी केंद्र-13
उच्च विद्यालय-1
मध्य विद्यालय-2
प्राथमिक विद्यालय-4
शिव मंदिर-2
मस्जिद-2