अब गांव-गांव जाकर किसानों को पैसा पहुंचाएगी को-ऑपरेटिव बैंक

सहरसा। सबकुछ ठीक रहा तो कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय में मॉडल को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन जुलाई माह से शुरू हो जाएगा। इस बैंक में जहां राष्ट्रीयकृत बैंकों की तरह हर सुविधा प्राप्त होगी वहीं किसानों को ऋण की विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा बैंक एक मोबाइल एटीएम की भी सुविधा प्रदान करेगी। जो खेती के समय गांव गांव घूमकर किसानों को राशि निकालने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे किसानों को खेती के समय अपनी खाद- बीज व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए शहर आकर बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:08 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:08 PM (IST)
अब गांव-गांव जाकर किसानों को 
पैसा पहुंचाएगी को-ऑपरेटिव बैंक
अब गांव-गांव जाकर किसानों को पैसा पहुंचाएगी को-ऑपरेटिव बैंक

सहरसा। सबकुछ ठीक रहा तो कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय में मॉडल को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन जुलाई माह से शुरू हो जाएगा। इस बैंक में जहां राष्ट्रीयकृत बैंकों की तरह हर सुविधा प्राप्त होगी, वहीं किसानों को ऋण की विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा बैंक एक मोबाइल एटीएम की भी सुविधा प्रदान करेगी। जो खेती के समय गांव गांव घूमकर किसानों को राशि निकालने की सुविधा प्रदान करेगा। इससे किसानों को खेती के समय अपनी खाद- बीज व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए शहर आकर बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मोबाइल एटीएम उनके क्षेत्र में जाकर किसानों को राशि निकालने की सुविधा प्रदान करेगी। इस आदर्श बैंक में मोबाइल एटीएम, ई- लॉबी समेत हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सहरसा में बैंक खोलने की अनुमति दिए जाने के बाद तैयारी जोर- शोर से चल रही है। यह जिले के पैक्सों, व्यापार मंडलों और किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है।

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इलाके में 18 वर्षों से बंद है को- ऑपरेटिव बैंक

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वर्ष 2003 के पूर्व कोसी प्रमंडल में मधेपुरा- सुपौल को-ऑपरेटिव बैंक संचालित था। इससे इलाके के किसानों व तत्कालीन 163 सहकारी समितियों को काफी लाभ मिल रहा था। कई कारणों से जुलाई 2003 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इस बैंक की अनुज्ञप्ति रद कर दिया। तब से इस इलाके के किसानों को सहकारिता बैंक संबंधी सभी कार्यों के लिए बीहट को-ऑपरेटिव बैंक पर निर्भर होना पड़ गया। धान गेहूं की राशि से लेकर बीमा तक के लिए इलाके के किसानों की असहनीय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री फसल सहायता योजना लागू होने के पूर्व तक सहकारिता बैंक के अभाव में किसानों को बीमा की भी सुविधा नहीं मिल रही थी। रिजर्व बैंक द्वारा सहरसा जिले में बैंक खोले जाने की अनुमति मिलने से इलाके के किसानों को कई तरह की सुविधा मिलने की संभावना बन गई है।

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कृषि क्षेत्र के विकास की भी बढ़ी संभावना

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सहकारी बैंक की सुविधा नहीं रहने से किसानों समितियों को ऋण की सुविधा नहीं मिल रही थी, जिससे समितियों को खाद- बीज का व्यवसाय करने व किसानों के हित में अन्य कार्य करने में कठिनाई हो रही थी। अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों से बोझिल प्रक्रिया के कारण उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा था। सहकारी बैंक खुलने से यह समस्या दूर होगी। किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी मिलेगी। इससे इलाके में कृषि क्षेत्र का विकास होगा।

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आदर्श सहकारिता बैंक खुलने से इस इलाके के किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा। किसानों को आवश्यकता के समय गांव- गांव मोबाइल एटीएम के माध्यम से राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इससे किसानों की परेशानी कम होगी।

सैयद मशरूख आलम

डीसीओ, सहरसा।

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