कोसी में केले की खेती कर समृद्ध होंगे किसान
सहरसा। परंपरागत खेती से किसानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाने के कारण उद्यान विभाग ने कोसी क्षेत्र में बेहतर किस्म के जी-नाईन नस्ल के सिगापुरी केले की खेती कराने की योजना बनाई है। इसके लिए किसानों को अनुदानित दर पर केले का पौधा और विभागीय स्तर पर ये तकनीकी सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विभाग ने प्रथम चरण में दो सौ हेक्टेयर में इस वर्ष सोनवर्षा सत्तरकटैया सौरबाजार और पतरघट प्रखंड में इसकी खेती की योजना बनाई है। इन प्रखंडों में किसानों को मिली सफलता के आधार पर जिले के अन्य भागों में इसकी खेती कराई जाएगी।
सहरसा। परंपरागत खेती से किसानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाने के कारण उद्यान विभाग ने कोसी क्षेत्र में बेहतर किस्म के जी-नाईन नस्ल के सिगापुरी केले की खेती कराने की योजना बनाई है। इसके लिए किसानों को अनुदानित दर पर केले का पौधा और विभागीय स्तर पर ये तकनीकी सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विभाग ने प्रथम चरण में दो सौ हेक्टेयर में इस वर्ष सोनवर्षा, सत्तरकटैया, सौरबाजार और पतरघट प्रखंड में इसकी खेती की योजना बनाई है। इन प्रखंडों में किसानों को मिली सफलता के आधार पर जिले के अन्य भागों में इसकी खेती कराई जाएगी।
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एक हेक्टेयर के लिए विभाग उपलब्ध कराएगा 1450 पौधा
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उद्यान विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में दो सौ हेक्टेयर में जी-9 नस्ल के सिगापूरी केला खेती की योजना बनाया है। इसके लिए किसानों को हाजीपुर से अनुदानित दर पर प्रति हेक्टेयर 1450 पौधा उपलब्ध कराया जाएगा। केला की उन्नत खेती के किसानों को विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा तथा समय-समय पर किसानों को तकनीकी सहायता भी दिया जाएगा।
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पूरे राज्य में भेजा जाएगा जी-9 नस्ल का केला
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कोसी क्षेत्र में केला की खपत हालांकि अन्य जगहों की अपेक्षा अधिक है जबकि जी- 9 नस्ल के केले की काफी मांग है। इसके अनुरूप राज्य के अन्य शहरों में भी कोसी क्षेत्र में उत्पादित केला भेजा गया है। इससे इलाके के किसान काफी लाभांवित होंगे।
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कोट
इस इलाके में भी केले की खेती की काफी संभावना है। इसके लिहाज से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ प्रखंडों को चिह्नित किया गया है। इस प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर अन्य प्रखंडों में भी केले की खेती की जाएगी।
राहुल रंजन,
सहायक निदेशक उद्यान, सहरसा।