वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव आठ दिसंबर को

सहरसा। भारत सरकार एवं बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में रामायण से जुड़े स्मृति स्थल को पर्यटन तथा धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। मिथिला मां जानकी का प्राकाट्य स्थल है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:01 PM (IST)
वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव आठ दिसंबर को
वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव आठ दिसंबर को

सहरसा। भारत सरकार एवं बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में रामायण से जुड़े स्मृति स्थल को पर्यटन तथा धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। मिथिला मां जानकी का प्राकाट्य स्थल है। बिहार के पुनौरा धाम, हलेश्वर स्थान, पंथ पाखर, गौतम ऋषि कुंड, कलना, मटिहानी बिसोल, अहल्या स्थान, चंकी गढ़ , बाल्मीकिनगर, सीता कुंड, राम चौरा, रामरेखा घाट, तार, गिद्धौर तथा सिघेश्वर (बिभांडक ऋषि तथा ऋषि श्रृंग का आश्रम) आदि राम कथा से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल हैं। बटोही द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से वैदेही कला संग्रहालय का लोकार्पण समारोह तथा वैदेही अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव( रामायण कला का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव) का आयोजन 8-11 दिसंबर 2021 के बीच सहरसा में किया जाएगा ।

यह जानकारी देते हुए बटोही के संस्थापक सह पूर्व निदेशक मध्य सांस्कृतिक केंद्र प्रो. डा. ओमप्रकाश भारती ने बताया कि चार दिनों के इस आयोजन में पूरे देश के विभिन्न हिस्सों से संस्कृतिकर्मी शिरकत करेंगे। महोत्सव का उद्घाटन माता सीता(वैदेही) और श्रीराम के स्वयंवर पावन दिवस 'विवाह पंचमी के दिन आठ दिसंबर 21 को बिहार सरकार के कला संस्कृति मंत्री डा. आलोक रंजन करेंगे। उन्होंने कहा कि वैदेही कला संग्रहालय में भारत सहित इंडोनेशिया, मलेशिया, लाओस, थाईलैंड, श्रीलंका, फिजी, नेपाल, सूरीनाम तथा मॉरीशस से संग्रहित राम कथा से संबंधित लगभग 500 सौ कला वस्तुएं प्रदर्शित की जाएगी। महोत्सव में राम कथा को प्रदर्शित करने वाले लगभग 300 सौ कलाकारों को देश के विभिन्न क्षेत्रों से आमंत्रित किया जा रहा है। मिथिला में रामकथा से जुड़े गीत, नृत्य तथा नाट्यरूपों की प्रस्तुति महोत्सव की विशिष्टता है। नेपाल तथा श्रीलंका के कलाकार विशेष रूप से महोत्सव में भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर बटोही के सचिव महेंद्र कुमार, संयोजन समिति के सदस्य सहित रंगकर्मी आरती कुमारी , नितीश कुमार , आकाश कुमार , पंकज कुमार , डा. जैनेन्द्र श्रीमंत , हरि शंकर गुप्ता , सुभाष चंद्र तथा दीपक कुमार आदि उपस्थित थे।

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प्रो. रजनीश शुक्ल को मिलेगा भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान

बटोही द्वारा मिथिला विभूति 'पूर्व मीमांसा तथा अद्वैत वेदान्त दर्शन' के प्रवर्तक, महान दार्शनिक आचार्य मंडन मिश्र तथा उनकी अद्र्धांग्नि विदुषी भारती की स्मृति में तथा भारतीय कला, संस्कृति तथा दर्शन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 'भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान' का शुभारंभ किया गया है। 2021 का 'भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान' प्रसिद्ध दार्शनिक तथा भारतीय कला एवं विद्या परंपरा के ज्ञाता प्रो. रजनीश शुक्ल, वाराणसी को प्रदान किया जा रहा है । प्रो. शुक्ल मूल रूप से सपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के दर्शनशास्त्र विभाग के आचार्य हैं। कई राष्ट्रीय संस्थान का नेतृत्व करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा एवं सांस्कृतिक नीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

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