स्कूल बना बथान, मवेशी को बांधते हैं लोग
सहरसा। कोरोना काल में बंद विद्यालय को खोलने के लिए सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बंद विद्यालय ग्रामीणों के लिए बथान बन चुका है। इसको लेकर ना तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक सजग दिख रहे हैं और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय परिसर और भवन की सुध लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सहरसा। कोरोना काल में बंद विद्यालय को खोलने के लिए सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बंद विद्यालय ग्रामीणों के लिए बथान बन चुका है। इसको लेकर ना तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक सजग दिख रहे हैं और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय परिसर और भवन की सुध लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हद तो ये है कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक और पंचायत प्रतिनिधियों को भी इसकी तनिक भी चिता नहीं है। स्कूल में मवेशी के बांधने से फैली गंदगी के बीच उनके बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जिसमें मवेशी बांधे जा रहे हैं। तटबंध के अंदर मवि आरापट्टी का परिसर अथवा तटबंध के बाहर मवि पस्तवार का विद्यालय भवन हो। अक्सर ग्रामीणों के डर से प्रधानाध्यापक इस तरह की समस्या की शिकायत अपने वरीय अधिकारियों से भी नहीं करते।