जिदगी अनमोल है, लापरवाही से नहीं होने दें बच्चों की मौत
सहरसा। सोमवार को डीएम कौशल ने विभिन्न आपदाओं में मृत 32 लोगों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये का चेक अनुग्रह अनुदान के रूप में समर्पित किया। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में 13 जख्मी के परिजन को 43-43 सौ का डमी चेक दिया गया। डीएम ने कहा कि सभी लाभुकों के खातें में शाम तक अनिवार्य रूप से आरटीजीएस के माध्यम से राशि पहुंच जाएगी।
सहरसा। सोमवार को डीएम कौशल ने विभिन्न आपदाओं में मृत 32 लोगों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये का चेक अनुग्रह अनुदान के रूप में समर्पित किया। वहीं सड़क दुर्घटनाओं में 13 जख्मी के परिजन को 43-43 सौ का डमी चेक दिया गया। डीएम ने कहा कि सभी लाभुकों के खातें में शाम तक अनिवार्य रूप से आरटीजीएस के माध्यम से राशि पहुंच जाएगी। कोई भी व्यक्ति किसी बिचौलिया के चक्कर में नहीं पड़े। यह सरकार का पैसा है और इसका एकमात्र माध्यम जिलाप्रशासन है। कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति यह कहे कि उनके प्रयास से राशि मिली, तो उसके इस झूठे चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़े।
डीएम ने डूबकर मरे 17 सड़क दुघर्टना में 14 और वज्रपात से एक मृत व्यक्ति के आश्रित को अनुग्रह अनुदान दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस जिले में अधिकांश डूबने की घटना अभिभावकों की लापरवाही के कारण हो सकती है। कहा कि सरकार का यह अनुदान एक संवेदना मात्र है, परंतु जीवन बहुत कीमती है। लापरवाही के कारण इसे जाने नहीं दें। उम्र के बिना ऐसी लापरवाही से मौत की घटना काफी कष्टदायक है। हो सकता है कि जिस बच्चे की मौत हुई, वे अगर जीवित रहते तो कोई बड़ा आदमी बन सकता। उन्होंने जिलेवासियों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बच्चों पर ध्यान देने का पूरजोर अपील किया। साथ ही वज्रपात के समय किसी बड़े पेड़ के नीचे शरण नहीं लेने की सलाह दी। कहा कि ऊंचे स्थान पर वज्रपात की संभावना सबसे अधिक रहती है।
अपर समाहर्ता विनय कुमार मंडल ने भी आपदा से बचाव के लिए लोगों को कई टिप्स दिया। मौके पर नजारत उपसमाहर्ता अजमल खुर्शीद, जिला आपदा प्रबंधन प्रभारी नीरज कुमार सिंहा, प्रधान सहायक संतोष कुमार चौधरी समेत सभी लाभुक मौजूद रहे।