स्वास्थ्य उपयोगी फसलों के प्रति लोगों को आकर्षित करेगा कृषि विज्ञान केंद्र

सहरसा। हर दिन बीमारियों की चपेट में आ रहे लोगों के बिगड़ रहे स्वास्थ्य को नियंत्रित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर ने स्वास्थ्यव‌र्द्धक और पोषण से भरपूर खेती की योजना बनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:38 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:38 PM (IST)
स्वास्थ्य उपयोगी फसलों के प्रति लोगों 
को आकर्षित करेगा कृषि विज्ञान केंद्र
स्वास्थ्य उपयोगी फसलों के प्रति लोगों को आकर्षित करेगा कृषि विज्ञान केंद्र

सहरसा। हर दिन बीमारियों की चपेट में आ रहे लोगों के बिगड़ रहे स्वास्थ्य को नियंत्रित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर ने स्वास्थ्यव‌र्द्धक और पोषण से भरपूर खेती की योजना बनाई है।

पोषण वाटिका महाभियान के तहत कोसी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मड़ुआ, चीना, कोदो, कौनी जैसे खाद्य पदार्थों की खेती कराई जाएगी। किसानों को आकर्षित करने के लिए पहले अनुसंधान केंद्र परिसर में ही कृषि विज्ञानी की देखरेख में इन फसलों का प्रत्यक्षण किया जाएगा। कृषि विभाग भी इसमें सहयोग करेगी और दस हजार हेक्टेयर में छोटे दाना के फसलों की खेती की योजना बनाई गई है।

-----

जरूरतमंदों के घर लगाया जाएगा पोषणयुक्त फलों का पौधा

----

कृषि विज्ञान केंद्र का मानना है कि गरीबी के कारण और जानकारी के अभाव में लोग बड़ी संख्या में कुपोषण, मोटापा, मधुमेह के साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सबसे कारगर मशरूम की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। इसके लिए किसानों को मुफ्त बीज और प्रशिक्षण दिया जाएगा, वहीं कैल्शियम, विटामिन आदि की कमी को दूर करने के लिए अनुसंधान केंद्र द्वारा जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर अमरूद केला, नींबू आदि का पौधा भी मुफ्त लगाया जाएगा। इसके लिए भी रणनीति बना ली गई है।

----

छोटे दानेवाले खाद्य पदार्थ में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है पोषक तत्व

----

छोटे दाने वाले इन खाद्य पदार्थाें में प्रचुर मात्रा में स्वास्थ्य के लिए उपयोगी जस्ता, लोहा, फास्फोरस, विटामिन एंटी आक्साईट आदि पाया जाता है। डा. विनय कुमार सिंह कहते हैं कि इन पोषण तत्वों की कमी के कारण ही लोग बड़ी संख्या में बीमार पड़ रहे हैं। अगर इन खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाए तो बीमार होने की दर में काफी कमी आ सकती है।

----

कोट

आज बड़ी तेजी से मोटापा, कुपोषण और मधुमेह की बीमारी बढ़ रही है। इन फसलों में काफी उपयोगी पोषक तत्व है। इसकी खेती से किसानों को लाभ होगा और उनके स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी। इसकी खेती के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र में तैयारी प्रारंभ कर दिया गया है।

डा. उमेश सिंह,

प्राचार्य, भारती मंडन कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, सहरसा

chat bot
आपका साथी