आमलोगों को बालू के लिए अभी करना होगा और एक माह का इंतजार

जिले में बालू संकट के कारण निर्माण कार्य लगभग ठप सा हो गया है। मजदूर व राज मिस्त्री रोजगार के लिए जहां-तहां भटक रहे हैं। कई ने अपना रोजगार भी बदल लिया है। ऐसा कोई दिन नहीं होगा जब काम की तलाश में गांव से कोसों दूर शहर में आने वाले मजदूर बगैर काम किए घर वापस न लौटते हो।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:37 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:37 PM (IST)
आमलोगों को बालू के लिए अभी करना होगा और एक माह का इंतजार
आमलोगों को बालू के लिए अभी करना होगा और एक माह का इंतजार

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। जिले में बालू संकट के कारण निर्माण कार्य लगभग ठप सा हो गया है। मजदूर व राज मिस्त्री रोजगार के लिए जहां-तहां भटक रहे हैं। कई ने अपना रोजगार भी बदल लिया है। ऐसा कोई दिन नहीं होगा जब काम की तलाश में गांव से कोसों दूर शहर में आने वाले मजदूर बगैर काम किए घर वापस न लौटते हो। दिहाड़ी मजदूरों के पास आज दो जून की रोटी भी लाले पड़ने लगे हैं। बालू की कमी का आलम यह है कि आम लोगों को खरीदने पर भी नहीं मिल रहा है। काफी मशक्कत के बाद चोरी छिपके लोगों को तस्कर बालू बेच रहे हैं वह भी जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित दर से दोगुने दाम पर। वहीं जिला प्रशासन स्टाक बालू की चोरी होने की बात कह आम लोगों को फिलहाल निर्धारित मूल्य पर बेचने से हाथ खड़ा कर दिया है।

अधिकारियों की माने तो डंप किया हुआ बालू चोरी चले जाने के बाद आम लोगों के लिए फिलहाल उपलब्ध नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रयूब्नल द्वारा सोन नदी से बालू की निकासी पर एक जुलाई से 30 सितंबर तक रोक लगाई गई है। बालू निकासी का काम अगर शुरू भी होता है तो वह एक अक्टूबर से ही सरकार के निर्देश पर संभव है। इसके लिए कम से कम एक माह का इंतजार करना होगा। शहर के काली स्थान के पास काम की तलाश में पहुंचे रामप्रवेश भुईया, मुकेश कुमार, कन्हाई राम समेत अन्य मजदूरों के पेशानी पर खिची चिता की लकीरें उनकी व्यथा को बयां कर रही थी। इन मजदूरों ने कहा कि किराया बढ़ने के बावजूद वे प्रतिदिन काम की तलाश में गांव से शहर आते हैं। काम के लिए घंटों सड़क के किनारे खड़े हो इंतजार करते हैं। जब काम नहीं मिलता है तो घर वापस लौटने सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है। वहीं जानी बाजार व गौरक्षणी में भी मजदूरों के होने वाले जुटान स्थल पर काम के लिए मजदूर भटक रहे हैं। स्थिति यह कि घंटा-दो घंटा का भी मिल जाए तो किसी तरह आने जाने का किराया निकल जाए। डीएम धर्मेंद्र कुमार भी मानते हैं कि बालू के स्टाक की चोरी होने से आम लोगों के लिए बालू की बिक्री यहां शुरू नहीं कराई जा सकी है। फिलहाल जीएनटी के गाइडलाइन के अनुरूप नदी से बालू निकासी पर भी रोक है।

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