मांदर की थाप से गूंजने लगे कैमूर पहाड़ी पर बसे गांव

रोहतास कर्मा एकादशी पर्व के पूर्व से ही प्रखंड के कैमूर पहाड़ी पर स्थित गांव समेत मैदानी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:17 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:17 PM (IST)
मांदर की थाप से गूंजने लगे कैमूर पहाड़ी पर बसे गांव
मांदर की थाप से गूंजने लगे कैमूर पहाड़ी पर बसे गांव

रोहतास : कर्मा एकादशी पर्व के पूर्व से ही प्रखंड के कैमूर पहाड़ी पर स्थित गांव समेत मैदानी क्षेत्र के जनजाति टोले पर मांदर की थाप से गूंजने लगे हैं। वैसे वनवासी कर्मा एकादशी का पारंपरिक पर्व की शुरूआत बुधवार से ही शुरू कर दिए हैं। मनाएंगे। कर्मा की विशेष पूजा को ले सभी उम्र के लोग बड़े ही उत्साहित हैं। सभी इस पर्व की तैयारी में जुट गए हैं। आदिवासी शुक्रवार को कर्मा एकादशी की विशेष पूजा करेंगे। गुरुवार की सुबह से ही गांव की महिलाएं जंगल में जाकर मांदर की थाप पर नृत्य करते हुए करम, भेला व छेतार के पौधे को निमंत्रण दे शाम में तीनों पौधों को अखाड़े पर लाकर पूजा शुरू की। मांदर की थाप पर पारंपरिक गीत गूंज रहा है। कर्मा एकादशी का त्योहार का विशेष पूजन भादो शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है और दूसरे दिन द्वादशी तिथि को विसर्जन के बाद संपन्न होता है। इस त्योहार के अवसर पर मांदर की थाप पर मनमोहक नृत्य संगीत का आनंद लेने के लिए बड़ी तदात में दूर दराज से लोग पहाड़ी गांव में पहुंचते है। पुरुष समूह व महिला समूह हार जीत का भाव लेकर गायन एवं नृत्य प्रस्तुत करता है। बता दें कि आदिवासियों के लिए यह प्रसिद्ध त्योहार है

त्योहार मनाने के लिए पहाड़ी पर स्थित गांवो के 33 अखाड़ो में कार्यक्रम की तैयारी की गई है। अखाड़े पर महतो द्वारा तीनो पौधा पूजा के बाद राजा कर्मा व धर्मा की कथा सुनने की परंपरा है। करम, भेला व छेतार के साथ साथ झूर की भी पूजा करने की परंपरा रही है। अखाड़ों पर निमंत्रण मिलने के बाद झारखंड, अरुणाचल, आसोम, आंध्रप्रदेश से भी लोग अपने पूर्वजों की इस धरती पर विशेष पूजन में शामिल होने आते है।

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