पैक्सों व बिस्कोमान में कल से मिलेगी यूरिया, दुकानों से खरीद के लिए अभी और इंतजार

धान के कटोरे में यूरिया के लिए मारामारी के बीच मायूस हो रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। डीएम धर्मेंद्र कुमार द्वारा जिले में लक्ष्य के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराने को ले कृषि विभाग के सचिव को लिखे गए पत्र ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:36 PM (IST)
पैक्सों व बिस्कोमान में कल से मिलेगी यूरिया,  दुकानों से खरीद के लिए अभी और इंतजार
पैक्सों व बिस्कोमान में कल से मिलेगी यूरिया, दुकानों से खरीद के लिए अभी और इंतजार

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। धान के कटोरे में यूरिया के लिए मारामारी के बीच मायूस हो रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। डीएम धर्मेंद्र कुमार द्वारा जिले में लक्ष्य के अनुरूप यूरिया उपलब्ध कराने को ले कृषि विभाग के सचिव को लिखे गए पत्र ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। डीएम के अनुरोध के आलोक में रोहतास जिले को लक्ष्य के विरुद्ध तत्काल इफको की 2649 एमटी यूरिया की रैक लगने वाली है, जिसका आवंटन जिले के सभी बिस्कोमान व अनुज्ञप्तिधारी पैक्स समितियों को किया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार गुरुवार से किसानों को उर्वरक मिलना प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि अन्य दुकानों से खरीद के लिए किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। प्रशासन का अनुमान है कि इस माह के अंत तक कई कंपनियों की यूरिया उपलब्ध हो जाएगी।

जिला कृषि पदाधिकारी संजय नाथ तिवारी ने बताया कि जिले में यूरिया की उपलब्धता अभी तक लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो सकी है। जून में प्राप्त आवंटन 5475 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध 2998 एमटी, जुलाई में 14125 एमटी के विरुद्ध 7599 एमटी व अगस्त में 18060 के विरुद्ध 12884 एमटी ही यूरिया प्राप्त हुई है। चूंकि जिले में कुल धान का आच्छादन 205424 हेक्टेयर में हुआ है, जिसमें वर्तमान में टाप ड्रेसिग के लिए यूरिया कि आवश्यकता है। इसलिए जिले को लक्ष्य के विरुद्ध यूरिया का आवंटन उपलब्ध कराने के लिए डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कृषि सचिव को पत्र भेज अनुरोध किया था। कहा कि इस माह के अंत तक जिले को लक्ष्य के अनुरूप अन्य कंपनियों की यूरिया भी उपलब्ध हो जाएगी। इनमें केएफसीएल कंपनी द्वारा 1350 एमटी, केएफएल की 1100 एमटी, यारा कंपनी की 1150 एमटी, आइपीएल की 4500 एमटी, सीआइएल की 1250 एमटी व इफको इम्पोर्ट की 3200 एमटी यूरिया की रैक आनेवाली है। इनके रैक आने से किसानों की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। बर्बाद होने के कगार पर है लहलहाती धान की फसल : किसानों का कहना है कि यूरिया की किल्लत से लहलहाती धान की फसल बर्बाद होने के कगार पर आ गई है। वो यूरिया के लिए खाद दुकानों पर अलसुबह से ही कतार में खड़े हो जाते हैं, लेकिन उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। कई बार तो उन्हें बगैर यूरिया के ही खाली हाथ लौटने को मजबूर होना पड़ता है। नुकूल मौसम व रुक-रुककर हो रही बारिश से किसान अच्छी पैदावार लेने के लिए दिन-रात एक करने में जुटे हैं। लेकिन यूरिया की कमी उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रही है।

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