परसबनी गांव में आखिर पेयजल समस्या का लिया गया संज्ञान
प्रखंड क्षेत्र के चकन्हा पंचायत अंतर्गत परसबनी गांव में पानी की समस्या के निराकरण की दिशा में आखिर पंचायत प्रतिनिधि नींद अब जाकर टूटी। परसबनी गांव में पेयजल संकट गहराने की खबर 12 अप्रैल को दैनिक जागरण के सासाराम संस्करण में पेज दो पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित होने बाद चकन्हा पंचायत की मुखिया पुनम देवी ने अगले ही दिन अपने स्तर से डेढ़ सौ फीट का बोर करा चापाकल लगाने की पहल शुरू की।
संवाद सूत्र, डेहरी ऑन-सोन: प्रखंड क्षेत्र के चकन्हा पंचायत अंतर्गत परसबनी गांव में पानी की समस्या के निराकरण की दिशा में आखिर पंचायत प्रतिनिधि नींद अब जाकर टूटी। परसबनी गांव में पेयजल संकट गहराने की खबर 12 अप्रैल को दैनिक जागरण के सासाराम संस्करण में पेज दो पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित होने बाद चकन्हा पंचायत की मुखिया पुनम देवी ने अगले ही दिन अपने स्तर से डेढ़ सौ फीट का बोर करा चापाकल लगाने की पहल शुरू की, ताकि भू-जलस्तर खिसकने से उत्पन्न पेयजल समस्या का समाधान हो सके।
बताते चलें कि इस गांव में एक भी सरकारी चापाकल नहीं होने के कारण लोगों को पीने के पानी के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। इसके अलावा जल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. जिससे जिन लोगों के घरों में चापाकल लगे भी है. वे तमाम कल जवाब दे चुके है. ऐसे में यहां के ग्रामीण दूसरे गांव में जाकर पीने के पानी की व्यवस्था करने को मजबूर हो गए थे। मुखिया पुनम देवी ने कहा कि दैनिक जागरण के माध्यम से गांव वालों की इस समस्या की जानकारी उन्हें मिली। जिसके बाद उन्होंने इस मामले में तुरंत संज्ञान लेते हुए अगले दिन आज मंगलवार को चापाकल गलवाना शुरू कर दिया है. ताकि ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से निजात मिल सके।गौरतलब है कि 61 घर वाले इस गांव के 51 घरों में निजी चापाकल लगाए गए है. लेकिन पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण तमाम चापाकल काम करना बंद कर चुके हैं। गर्मी के इस मौसम में लोगों की समस्या काफी बढ़ गई थी। ग्रामीण सत्येंद्र कुशवाहा ने बताया कि सात निश्चय योजना के तहत इस गांव में नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पाने के कारण गांववासियों को इस भीषण गर्मी में समय से शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। मुखिया को इस गांव में अपने फंड से चापाकल लगाने की पहल का स्वागत किया। बीडीओ अरूण कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर पेयजल समस्या को लेकर पंचायत सचिव से जांच करने को कहा गया था। जिसके आलोक में दो चापाकल तत्काल लगाने के लिए अनुशंसा की गई है.