रोहतासगढ़ किला पर पहली बार 14 वर्ष पूर्व फहरा था तिरंगा

रोहतास। कैमूर पहाड़ी स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला पर आन-बान-शान से 14 वर्ष पूर्व तिरंगा लहराया था। इसके पूर्व यहां नक्सली काला झंडा फहराते थे। तत्कालीन एसपी विकास वैभव की पहल के बाद 26 जनवरी 2009 गणतंत्र दिवस पर जिला पुलिस द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पर्व पर यहां झंडोत्तोलन किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 11:33 PM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 11:33 PM (IST)
रोहतासगढ़ किला पर पहली बार 14 वर्ष पूर्व फहरा था तिरंगा
रोहतासगढ़ किला पर पहली बार 14 वर्ष पूर्व फहरा था तिरंगा

रोहतास। कैमूर पहाड़ी स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला पर आन-बान-शान से 14 वर्ष पूर्व तिरंगा लहराया था। इसके पूर्व यहां नक्सली काला झंडा फहराते थे। तत्कालीन एसपी विकास वैभव की पहल के बाद 26 जनवरी 2009 गणतंत्र दिवस पर जिला पुलिस द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पर्व पर यहां झंडोत्तोलन किया जाता है।

अगस्त 2008 में एसपी के पद पर विकास वैभव का पदस्थापन हुआ। उन्होंने तब कैमूर पहाड़ी को नक्सलियों से मुक्त कराने को कम्युनिटी पुलिसिग के तहत सोन महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने 15 अगस्त 2008 को यहां पुलिस लाइन में प्रशासनिक स्तर पर रोहतास किला पर झंडातोलन कराने की घोषणा की। 26 जनवरी 2009 को एसपी विकास वैभव के की पहल पर एसडीपीओ मिथलेश कुमार, सीआरपीएफ कमांडेट के नेतृत्व में पहली बार पुलिस प्रशासन की ओर से किला पर झंडोतोलन किया गया।

एसपी ने यहां राष्ट्रीय ध्वज फहरा जनमानस में यह संदेश दिया था कि कैमूर पहाड़ी व रोहतास किला पर से नक्सलियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उससे पहले रोहतासगढ़ किला पर नक्सलियों द्वारा राष्ट्र विरोधी ध्वज लहराया जाता था। इसके बाद से अब रोहतासगढ़ किला पर हर वर्ष शान से पुलिस प्रशासन द्वारा आम लोगों की उपस्थिति में तिरंगा फहराया जाता है। पहले ब्रिटिश फौज ने भी इस किले पर कब्जा किया और वहां ब्रिटिश हुकूमत का झंडा भी फहराया। बाद में दस्यु गिरोह व 80 के दशक में नक्सली आंदोलन के दौरान यह किला उनका गढ़ बन गया। जिसके बाद किसी ने वहां तक पहुंचकर तिरंगा फहराने की हिम्मत नही जुटाई थी। नक्सलियों के खिलाफ अभियान के बाद 2009 में गणतंत्र दिवस पर पहली बार किला पर तिरंगा फहराया गया।

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