कोरोना काल में भी फिट इंडिया के सपने को साकार कर रहे प्रतिभावन खिलाड़ी

वैश्विक महामारी कोरोना ने भले ही सभी प्रकार की गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया हो लेकिन हर किसी में स्वस्थ रहने की चाहत कम नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 10:31 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 06:12 AM (IST)
कोरोना काल में भी फिट इंडिया के सपने को साकार कर रहे प्रतिभावन खिलाड़ी
कोरोना काल में भी फिट इंडिया के सपने को साकार कर रहे प्रतिभावन खिलाड़ी

रोहतास। वैश्विक महामारी कोरोना ने भले ही सभी प्रकार की गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया हो, लेकिन हर किसी में स्वस्थ रहने की चाहत कम नहीं हुई है। घर पर ही सही, बच्चे हों या नौजवान, खेल विधा को जीवंत रखने का काम कर रहे हैं। गांव व मोहल्लों की गलियों के साथ घर की छतों पर ही सही, अभ्यास जारी है। बच्चों ने भी हॉकी, बैडमिटन, खो- खो जैसे खेलों का अभ्यास करना नहीं छोड़ा है। स्कूलों व कॉलेजों द्वारा भी उन्हें फिट इंडिया की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए भले ही खेल दिवस पर इस वर्ष राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में मेडल पाने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित होने का गौरव प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिग में मुख्यमंत्री से संवाद कर उन्हें गौरवान्वित होने का मौका जरूर मिला। जिसमें गत वर्ष नवंबर में आंध्रप्रदेश के तिरूपति में आयोजित राष्ट्रीय जूनियर एथलीट मीट प्रतियोगिता में बिहार को कांस्य पदक दिलाने वाले जिले के बिक्रमगंज निवासी एथलीट रितेश कुमार समेत कई अन्य खिलाड़ी मौजूद थे।

भविष्य संवारने का सशक्त माध्यम बना खेल : रितेश कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संवाद स्थापित कर बहुत अच्छा लगा। बदलते समय में खेल-कूद भविष्य संवारने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो होगे ़खराब..! कहावत पुरानी हो गई है। अब खेलने-कूदने से बच्चे खराब नहीं हो रहे, बल्कि वे नवाब बन रहे हैं। उनकी सेहत भी ठीक हो रही है और फिट इंडिया का हिस्सा बन रहे हैं। माता-पिता की भी सोच बदलने लगी है। हालांकि एक खेल के लिए जो माहौल होना चाहिए वह जिले में पूरी तरह उपलब्ध नहीं है, इसके बावजूद यहां के खिलाड़ी देश भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो रहे हैं।

अतीत में असीम संभावना गढ़ रहे कारिदे : जिले में इंडोर व आउटडोर दोनों प्रकार के खेल की असीम संभावना है, जिसमें हर रोज प्रतिभाएं निखर कर सामने आती हैं। इंडोर स्टेडियम का घोर अभाव है। दो में से एक इंडोर स्टेडियम खस्ताहाल में है। प्रशासन को चाहिए कि कचहरी मोड़ के पास स्थित ऑडोटोरियम का कायाकल्प कराए, ताकि इंडोर गेम को बढ़ावा मिल सके। जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव विनय कृष्ण की मानें तो जिले में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है। चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स व अन्य खेल विधा। किसी विधा में प्रतिभावान खिलाड़ी की कमी नहीं है। जिला से राष्ट्र स्तर तक खेल मेडल प्राप्त कर रहे हैं। यहीं नहीं खेल के माध्यम से सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर रहे हैं।

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