आधा दर्जन पहाड़ी गांवों में सौर ऊर्जा चालित सोलर प्लांट बंद होने से छाया अंधेरा

अनुमंडल क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर बसे आधा दर्जन गांवों में सौर ऊर्जा चालित सोलर प्लांट बंद हो जाने के चलते 15 दिनों से विद्युत आपूर्ति बंद है जिससे गांव के लोग पुन ढिबरी पर निर्भर होने को को विवश हैं। कैमूर पहाड़ी पर बसे रोहतास व नौहटा प्रखंड के 11 राजस्व गांवों के 81 टोला में सौर ऊर्जा चालित विद्युत की व्यवस्था की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:56 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:56 PM (IST)
आधा दर्जन पहाड़ी गांवों में सौर ऊर्जा चालित सोलर प्लांट बंद होने से छाया अंधेरा
आधा दर्जन पहाड़ी गांवों में सौर ऊर्जा चालित सोलर प्लांट बंद होने से छाया अंधेरा

संवाद सहयोगी, डेहरी आनसोन : रोहतास। अनुमंडल क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर बसे आधा दर्जन गांवों में सौर ऊर्जा चालित सोलर प्लांट बंद हो जाने के चलते 15 दिनों से विद्युत आपूर्ति बंद है, जिससे गांव के लोग पुन: ढिबरी पर निर्भर होने को को विवश हैं। कैमूर पहाड़ी पर बसे रोहतास व नौहटा प्रखंड के 11 राजस्व गांवों के 81 टोला में सौर ऊर्जा चालित विद्युत की व्यवस्था की गई है। जिससे गांव में रोशनी का प्रबंध के साथ बच्चों का पठन-पाठन भी इसी विद्युत व्यवस्था पर आधारित है। लेकिन गत 15 दिनों से लगातार रोहतासगढ़ पंचायत के ब्रह्म देवता, बभन तलाव, नागा टोली, भवनवां व नौहट्टा प्रखंड के हुरमेटा, जोन्हुआ, कोरहास, हरैया डीह समेत आधा दर्जन गांवों में विद्युत व्यवस्था ठप है।

ब्रह्म देवता गांव निवासी वार्ड सदस्य नागेंद्र कुमार राम, अजय भुइयां, राकेश कुमार ,संतोष कुमार, हूरमेटा निवासी अनीता देवी, हरैया निवासी योगेंद्र उरांव आदि के अनुसार अक्सर एक-एक महीना तक सौर ऊर्जा प्लांट बंद हो जाता है। जिसकी शिकायत स्थानीय व्यवस्थापक को किए जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। दो माह पूर्व भी कई गांव के सौर ऊर्जा प्लांट एक महीने से बंद रहने पर इसकी शिकायत स्थानीय सांसद छेदी पासवान से ग्रामीणों द्वारा की गई थी। जिसके बाद सांसद की पहल पर इसे बनाया जा सका था। अभी बिजली नहीं आने से काफी परेशानी हो रही है। एक तो विद्यालय बंद हैं और बिजली के अभाव में शाम के समय बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित है। बताते चलें कि 130 करोड़ रुपए की लागत से पहाड़ी पर बसे 11 गांवों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर विद्युत आपूर्ति करने की राज्य सरकार की योजना स्थानीय कर्मचारियों व कंपनी के संवेदक की लापरवाही के चलते सफल नही हो पा रही है। इस संबंध में सांसद छेदी पासवान ने कहा कि मामले की जानकारी ग्रामीणों द्वारा मिली है। अधिकारियों को अवगत करा उसे बनवाने का प्रयास किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी