13 साल बाद मिली स्कूल की जमीन, रेलवे लाइन पार कर स्कूल जा रहे छात्र

रोहतास स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय उत्तरी तेंदुआ दुसाधी की स्थापना के 13

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:10 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:10 PM (IST)
13 साल बाद मिली स्कूल की जमीन, रेलवे लाइन पार कर स्कूल जा रहे छात्र
13 साल बाद मिली स्कूल की जमीन, रेलवे लाइन पार कर स्कूल जा रहे छात्र

रोहतास : स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय उत्तरी तेंदुआ दुसाधी की स्थापना के 13 वर्ष बाद भी अबतक भवन नसीब नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर इस विद्यालय को निकटवर्ती विद्यालय में शिफ्ट किया गया है, जो रेलवे लाइन के दूसरी तरफ है। छात्र जान जोखिम में डाल रेलवे लाइन पार कर स्कूल जा रहे हैं, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विद्यालय की भूमि के अभाव में डीईओ के पत्र के आलोक में दो वर्ष पूर्व प्रखंड के भैसहा, तेंदुआ दुसाधी उत्तरी, नारायणपुर, स्टेशन रोड, मिठोपुर प्राथमिक विद्यालय को निकटवर्ती मध्य विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। जिसमें प्राथमिक विद्यालय तेंदुआ दुसाधी उत्तरी को मध्य विद्यालय तेंदुआ दुसाधी में शिफ्ट कर दिया गया है जो रेलवे लाइन के दक्षिण भाग में पड़ता है, जहां छात्र रेलवे ट्रैक पार कर जाने के लिए विवश हैं। जिससे बच्चों को आने जाने के क्रम में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अधिकांश छोटे बच्चे दुर्घटना के भय से नामांकन के बाद भी विद्यालय नही जा पा रहे हैं। विद्यालय में बच्चों की औसत उपस्थिति 50 फीसद से भी कम रह रही है। अक्सर बच्चों को विद्यालय भेजने के समय शिक्षक और अभिभावक उन्हें रेलवे ट्रैक पार करवा कर ले जाते और ले आते है। इस एकल शिक्षक वाले विद्यालय को दो वर्ष पूर्व तक भवन के अभाव में स्थानीय सामुदायिक भवन में संचालित किया जाता था, परंतु अधिकारी के लिखित निर्देश पर इसे मध्य विद्यालय में शिफ्ट किया गया है। इस विद्यालय में कुल 75 नामांकित बच्चे है, विद्यालय को द्वितीय पाली 11:30 पूर्वाह्न से शाम चार बजे तक संचालित किया जाता है। ग्रामीण व अभिभावक अशोक गुप्ता,धनंजय पाल,कामता प्रसाद कहते हैं कि विद्यालय की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया, परंतु आज भी स्थिति यथावत बनी हुई है। विद्यालय प्रारंभ और समाप्त होने के समय रेलवे लाइन के निकट जाकर खड़ा रहना पड़ता है, ताकि बच्चों को सुरक्षित विद्यालय भेजा और लाया जा सके।

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प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार कहते है कि विद्यालय के सफल संचालन के लिए एक और शिक्षक अजय कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है। भौगोलिक बाधा के कारण बच्चों की उपस्थिति 50 फीसद से भी कम होती है। जिसकी सूचना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है। हालांकि उपस्थिति शत फीसद करने के लिए अभिभावकों के बीच संपर्क अभियान चलाया जाता है। अभिभावक दुर्घटना की आंशका से बच्चों को नहीं भेज पा रहे हैं।

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2008 में स्थापित इस विद्यालय भवन के लिए अंचलाधिकारी द्वारा गांव में ही 20 डिसमिल भूमि उपलब्ध कराउसकी मापी ली गई है। चुनाव कार्य बाद इसपर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी, ताकि भवन निर्माण कर मूल स्थल पर विद्यालय के पठन पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

सुरेश प्रसाद, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

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