आसमान छू रही सब्जियों की कीमत, गरीबों की थाली से हो रही दूर
सब्जियों की कीमत में भारी उछाल ने इसे गरीबों की थाली से दूर कर दिया है।
रोहतास। सब्जियों की कीमत में भारी उछाल ने इसे गरीबों की थाली से दूर कर दिया है। टमाटर व प्याज की खरीदारी तो आम आदमी के बूते की बात नहीं रह गई है। बाजार में इस समय प्याज की कीमत 80 के पार है, तो टमाटर की कीमत भी 50 से 60 रुपये प्रति किलो हो गई है। यूं कहें कि प्याज आज के दिनों में सेब के भाव में बिक रहा है। अन्य हरी सब्जियां भी 40 रुपये प्रति किलो से कम की नहीं रह गई है। फूलगोभी तक 30 से 35 रुपए प्रति पीस बिक रही है। ऐसे में गरीब तो गरीब मध्यम वर्ग के लिए भी हरी सब्जी खरीदना आसान बात नहीं रह गई है।
बाजार में भिडी, बोदी, करैला, सेम सहित अन्य हरी सब्जियां 40 रुपये प्रति किलो पर बिक रही हैं। कोरोना वायरस को ले सरकार द्वारा की गई लॉकडाउन के चलते काम धंधा बंद हो जाने से एक तरफ जहां लोगों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है, वहीं दूसरी तरफ महंगी हरी सब्जियां खरीदना टेढ़ी खीर साबित होने लगी है। व्यवसायियों के अनुसार बाहर से प्याज व टमाटर आने के चलते इस पर लागत खर्च अधिक आ रहा है। ऐसे में अधिक दर पर बेचना हमारी मजबूरी हो गई है। समाजसेवी बड़न सिह, कुंदन कुमार सिंह ने आदि कहा कि आसमान छू रही हरी सब्जियों की कीमत पर सरकार का नियंत्रण होता तो यह स्थिति नहीं होती।
वहीं शिवसागर बाजार में तीन किस्मों के प्याज बिक रहे हैं। उच्च किस्म के प्याज की कीमत 75 से 80 रुपए प्रति किलो, मध्यम किस्म के 70 से 75 व निम्न किस्म के प्याज 65 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं। व्यवसायियों का कहना है? कि प्याज के मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्यप्रदेश में भारी बारिश की वजह से फसल के साथ-साथ गोदामों में रखे गए प्याज को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में प्याज की सप्लाई घटने से कीमतों में अचानक उछाल आ गया है। सब्जी व्यवसायी सुरेंद्र प्रजापति ने बताया कि आलू-प्याज समेत अन्य हरी सब्जियां महंगी हो जाने के चलते दुकानदारी बहुत कम हो गई है। सब्जियों की कीमत
आलू- 40 रुपये प्रति किलो
प्याज- 80 रुपये
लहसुन- 120 रुपये
हरी मिर्च --60 रुपये
टमाटर - 50 से 60 रुपये
फूल गोभी- 50 रुपये
बोदी - 40 रुपये
करैला- 40 रुपये