पूजा पंडालों का खुला पट, मां का दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लगी रही कतार

जिला मुख्यालय समेत अन्य जगहों पर मंगलवार को पंडालों में वैदिक मंत्रोचार के साथ मां का पट खोला गया। पट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा का दर्शन-पूजन किया। श्रद्धालु नवरात्र के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा कर सभी बाधाओं को दूर करने की याचना की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:56 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:56 PM (IST)
पूजा पंडालों का खुला पट, मां का दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लगी रही कतार
पूजा पंडालों का खुला पट, मां का दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लगी रही कतार

जागरण संवाददाता, सासाराम : जिला मुख्यालय समेत अन्य जगहों पर मंगलवार को पंडालों में वैदिक मंत्रोचार के साथ मां का पट खोला गया। पट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा का दर्शन-पूजन किया। श्रद्धालु नवरात्र के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा कर सभी बाधाओं को दूर करने की याचना की। पूजा पंडालों व शक्ति स्थलों पर दर्शन-पूजन के लिए लंबी कतार लगी रही।

स्थानीय रौजा रोड, तकिया, फजलगंजल, करन सराय, चौक बाजार, धर्मशाला रोड, नूरनगंज, न्यू एरिया, गौरक्षणी, प्रभाकर रोड, तकिया रेलवे गुमटी के अलावा बेदा, दरिगांव, अमरा तालाब, करवंदिया समेत ग्रामीण क्षेत्रों में आकर्षक व मनमोहक पंडाल बनाए गए है। ताराचंडी धाम, तुतला भवानी, यक्षिणी धाम समेत अन्य देवी स्थलों पर सातवें दिन पूजा करने वालों की भीड़ लगी रही। लोग सुबह से ही लाइन में खड़ा हो अपनी बारी के इंतजार में रहे। वहीं ताराचंडी धाम में अखंड ज्योति जलाने का भी कार्य श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। पंडितों की माने तो शनिवार को श्रद्धालु मां के आठवें रूप महागौरी की पूजा करेंगे। साथ ही इस दिन कुंआरी पूजन भी करने का रस्म है। दुर्गा पूजा को कोरोना गाइडलाइन के तहत संपन्न कराने को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। जिला व अनुमंडल स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। प्रमुख पूजा पंडाल के पास कोरोना टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई है।

गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा

संवाद सूत्र, परसथुआ : रोहतास। क्षेत्र में मंगलवार को वेद मंत्रों के साथ मां दुर्गा का पट खोला गया। परसथुआ, कथराई, सेलास सहित अन्य गावों में मां के जयकारों के साथ पंडालों को खोल दिया गया। परसथुआ चौक से गाजे बाजे के साथ जुलूस की शक्ल में लोगों ने गोरेया नदी में जलभरी कर प्रतिमा स्थापित की गई। दुर्गापूजा समिति के सचिव रवि मिश्र के अनुसार यहां परंपरा रही है कि सप्तमी के दिन ही जलभरी की जाती है और प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कलश स्थापित किया जाता है। कलश यात्रा में शामिल लोग हाथों में भगवा झंडा लहराते हुए जयकारे बोल रहे थे। मौके पर रामाशंकर गुप्ता, बमजी, संतोष श्रीवास्तव, मनोज पाल, विनय पाल, कमलेश चौरसिया, कामेश्वर सिंह, तेजबली सिंह समेत काफी संख्या में लोग शामिल थे।

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