पंचायत स्तरीय कृषि कार्यालयों में उपलब्ध होंगे संसाधन, कवायद शुरू
रोहतास। कृषि विभाग द्वारा किसानों को ससमय योजनाओं की जानकारी देने व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा
रोहतास। कृषि विभाग द्वारा किसानों को ससमय योजनाओं की जानकारी देने व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पंचायत स्तर पर संचालित कृषि कार्यालयों की स्थापना के प्रयास तेज कर दिया गया है। इन कार्यालयों में आकर किसान कृषि संबंधी योजनाओं की जानकारी के साथ उसका लाभ लेने के लिए आवेदन जमा कर सकेंगे। इन कार्यालयों की स्थापना के लिए विभाग ने सामग्री व अन्य उपस्कर खरीद को लेकर निविदा भी निकाल दी है, जिसे जमा करने की अंतिम तिथि आठ मार्च निर्धारित की गई है। प्राप्त निविदा को उसी दिन समाहरणालय स्थित डीडीसी के कार्यालय में खोला जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मिलेगी मदद :
पंचायत भवन में कृषि कार्यालय में रोस्टर के हिसाब से कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार रहेंगे। हफ्ते में दो दिन कृषि समन्वयक निश्चित रूप से रहेंगे। फसल इनपुट सब्सिडी, डीजल अनुदान सहित विभिन्न योजनाओं के आवेदन यहां जमा होंगे। इन कार्यालयों की स्थापना से सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए प्रखंड कार्यालयों का चक्कर काटने से किसानों को अब मुक्ति मिल जाएगी। किसानों की हमेशा से शिकायत रहती है कि सुदूर गांवों में रहने वाले ऐसे कई किसान हैं, जो खेती कर जीविकोपार्जन करते हैं। लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था की जानकारी नहीं होने की वजह से सरकारी लाभ से वंचित हो रहे हैं। किसान एक दो बार प्रखंड का चक्कर काटने के बाद निराश होकर घरों पर बैठ जाता है। सुविधाविहीन हैं पंचायत कृषि कार्यालय:
कृषि समन्वयकों की मानें तो सरकार के निर्देश पर पंचायत स्तर पर भले ही कार्यालय खुल गए हैं, लेकिन उपस्करों की कमी से वे परेशान हैं। वहां न कुर्सी टेबल है न फाइलों व कागजातों को रखने के लिए आलमीरा। समन्वयक दरी पर बैठकर काम करते हैं और काम के बाद उसी दरी से रजिस्टर को ढंक कर घर चले जाते हैं। कृषि समन्वयकों के अनुसार कार्यालयों में कुर्सी, टेबल व गोदरेज उपलब्ध कराने के लिए राशि जिले में पड़ी है, लेकिन अब तक उपस्कर की खरीद नहीं हो सकी है। योजना के अनुसार कार्यालय में पांच प्लास्टिक की कुर्सी, टेबल, साइन बोर्ड व आलमीरा की व्यवस्था होनी है। कहते हैं डीएओ:
पंचायत स्तर पर कृषि कार्यालय की स्थापना होने से उन किसानों को लाभ मिलेगा, जिन्हें अब तक विभागीय योजनाओं की जानकारी के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता था। दूरी के चलते कई किसान प्रखंड कार्यालय जा भी नहीं पाते थे, जिससे योजनाओं का लाभ लेने में उन्हें परेशानी होती थी। अब यह समस्या दूर हो जाएगी।
संजयनाथ तिवारी, डीएओ, रोहतास