बारिश से खेतों में लौटी रौनक, धान की रोपनी में जुटे किसान

धान का कटोरा कहे जाने वाले इस जिले में एक पखवारा से रूक-रूककर हो रही बारिश से किसान प्रफुल्लित हैं। अब तक जिले में सामान्य से 9

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 03:56 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 04:46 PM (IST)
बारिश से खेतों में लौटी रौनक, धान की रोपनी में जुटे किसान
बारिश से खेतों में लौटी रौनक, धान की रोपनी में जुटे किसान

रोहतास। धान का कटोरा कहे जाने वाले इस जिले में एक पखवारा से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसान प्रफुल्लित हैं। अब तक जिले में सामान्य से 98 फीसद अधिक बारिश हो चुकी है। बारिश से खेतों की रौनक लौट आई है। मौसम मुफीद हुआ तो, किसानों ने बंपर धान उत्पादन की तैयारी भी कर ली है। इसके लिए जहां तैयार बिचड़ों की मुख्य खेत में रोपाई शुरू हो चुकी है, वहीं खेत तैयार करने का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। किसान बारिश की स्थिति से उत्साहित हैं। हालांकि कई जगहों पर बिचड़ा तैयार नहीं होने के चलते अभी रोपनी में थोड़ी देर है।

कृषि विभाग ने इस वर्ष भी जिले में एक लाख 95 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य रखा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में रोपनी अभी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन एक सप्ताह में रोपनी का काम पूरे जिले में जोर पकड़ लेगा। रोपनी शुरु होने से डीएपी, यूरिया, एनपीके व फास्फेट उर्वरकों की मांग बढ़ गई है। धान की रोपाई करते वक्त किसान मिट्टी में ही डीएपी का प्रयोग करते हैं। कृषि विभाग के लिए राहत की बात यह है कि अबतक खाद की कमी की शिकायत कहीं से नहीं मिल पाई है। विभाग इसे लेकर चौकस भी है।

खेती के अनुकूल है माहौल

चेनारी प्रखंड के सदोखर के किसान शेषनाथ सिंह कहते हैं गत तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश ने खरीफ की खेती के अनुकूल माहौल बना दिया है। अब असिचित क्षेत्रों में भी धान की रोपनी वर्षा के पानी से होने लगी है। बैरियां के पप्पु सिंह, उल्हो के शिवपूजन तिवारी, चनपुरा के अखिलेश शुक्ल समेत अन्य किसानों की मानें तो इस वर्ष रुक रुककर हो रही वर्षा धान की खेती के लिए अमृत के समान है। कृषि वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष मानसून किसानों का साथ देगा जिससे लोगों को जिले में धान के बंपर उत्पादन की उम्मीद है। कृषि विभाग के अनुसार यह मानसून की शुरुआती बारिश है। अच्छी खेती के लिए सामान्य तौर पर जिले में जुलाई माह तक 318.5 एमएम बारिश की आवश्यकता होती है। एक जून से चार जुलाई तक जिले में सामान्य रूप से होने वाली 124.4 एमएम बारिश की जगह 249 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। अभी 25 दिन बाकी है व मानसून की सक्रियता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि बारिश 318 एमएम के आंकड़े के आसपास पहुंच जाएगी।

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जिले में धान की रोपनी शुरू हो चुकी है। रोपनी में किसी तरह की बाधा न आए, विभाग द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। सामुदायिक नर्सरी के तहत उन्नत प्रभेद के धान के बिचड़े जरूरतमंद किसानों उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बाजार में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है इसकी कमी नहीं होने दी जाएगी।

डॉ. विजय कुमार द्विवेदी

परियोजना निदेशक - आत्मा

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