शिशुओं के लिए मां का दूध है सर्वोत्तम आहार: सीडीपीओ
नवजात से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों को उनकी मां का दूध उनका सर्वोत्तम आहार है। सीडीपीओ पुष्पा कुमारी ने कहा कि महिलाओं को सलाह दी जाती है कि शिशु जन्म के समय उनमें बनने वाला पहला पीला गाढ़ा दूध अपने बच्चों को अवश्य पिलाएं। यह शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है जो आगे चलकर शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में काफी सहायक सिद्ध होता है।
संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन: रोहतास। नवजात से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों को उनकी मां का दूध उनका सर्वोत्तम आहार है। सीडीपीओ पुष्पा कुमारी ने कहा कि महिलाओं को सलाह दी जाती है कि शिशु जन्म के समय उनमें बनने वाला पहला पीला गाढ़ा दूध अपने बच्चों को अवश्य पिलाएं। यह शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जो आगे चलकर शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में काफी सहायक सिद्ध होता है। यही नहीं अपने शिशु को मां द्वारा स्तनपान कराने से मां को स्तन कैंसर होने का खतरा तो कम होता ही है, साथ में माताओं के प्रसवोत्तर शारीरिक पूर्णगठन में भी काफी सहायता मिलती है। इससे मां और बच्चे के बीच मधुर संबंध बनते हैं। इस प्रकार स्तनपान यानी अपने बच्चों को उनकी माता द्वारा दूध पिलाया जाना सभी प्रकार से लाभदायक है। प्राकृतिक है मां का दूध:
सीडीपीओ ग्रामीण कुमारी पुष्पा ने बताया कि मां के शरीर में दूध का बनना पूर्णत प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसमें किसी बाहरी कारणों का कोई हस्तक्षेप नहीं है। इस कारण मां के शरीर में बनने वाला दूध पर सिर्फ और सिर्फ उस शिशु का ही अधिकार है। इससे उसे वंचित ना करें। अपने शिशु को अपना दूध अवश्य पिलाएं। शिशु अपने जन्म से छह माह तक अपनी मां के दूध पर ही निर्भर रहता है। इस छह माह में शिशु के संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास की नींव पड़ती है। मां का दूध शिशुओं के लिए सुपाच्य आहार है। जिससे बच्चों को डायरिया नहीं होता है। वहीं मां का दूध बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है। जिससे आने वाले समय में शिशु कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित नहीं हो पाता है। छह माह बाद ही शिशुओं को अति सुपाच्य एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर अनुपूरक आहार दिया जाना चाहिए। जैसे दाल का पानी, अच्छी तरह से पकाई हुई खिचड़ी व खीर आदि इस प्रकार अनुपूरक आहार के साथ बच्चों को दो साल या उससे अधिक समय तक मां के दूध का मिलना उसके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है।
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विश्व स्तनपान दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली
संवाद सहयोगी, डेहरी आनसोन: रोहतास। विश्व स्तनपान दिवस पर बुधवार को प्रखंड के अहिबरनपुर आंगनबाड़ी केंद्रों पर सीडीपीओ ग्रामीण कुमारी पुष्पा की उपस्थिति में सेविकाओं ने अपने-अपने पोषक क्षेत्र में जागरूकता रैली निकाली। महिला पर्यवेक्षिका पार्वती देवी के साथ सेविकाओं ने रैली निकाल क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान सेविकाओं ने महिलाओं को स्तनपान को लेकर जागरूक किया। पर्यवेक्षिका ने बताया कि क्षेत्र में सेविकाओं द्वारा रैली निकालकर विश्व स्तनपान दिवस मनाया जा रहा है। रैली के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं के साथ बैठक की गई। जिसमें स्तनपान से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी गई। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद मां का गाढ़ा पीला दूध बच्चों को पिलाएं यह दूध बच्चे को बीमारी से लड़ने की ताकत देता है। उन्होंने बताया कि आज के इस फैशन युग में महिलाएं बच्चे को स्तनपान नहीं कराकर डब्बा बंद दूध पिलाती हैं, जो सरासर गलत है। एक मां को कदापि ऐसा नहीं करना चाहिए। हर हाल में बच्चे को अपना दूध पिलाना चाहिए। इससे मां और बच्चे के बीच मधुर संबंध बनते हैं। मौके पर सहायिका बिदा देवी, सेविका आरती शर्मा, सरिता कुमारी, सीमा कुमारी, उपेंद्र कुमार समेत अन्य मौजूद थे।