विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च के बाद भी लाभ नगण्य

बिक्रमगंज नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर खर्च तो बेहिसाब हुए पर लोगों को लाभ नहीं के बराबर मिला। यों कहें कि सरकारी राशि का पूरी तरह दुरुपयोग हुआ है। लगभग 12 -13 वर्ष पूर्व विधायक ऐच्छिक कोष से लाखों रुपये की लागत से फुटपाथ का निर्माण हुआ लेकिन वह फुटपाथ अब कहीं नहीं दिखता।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 10:58 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 10:58 PM (IST)
विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च के बाद भी लाभ नगण्य
विकास के नाम पर लाखों रुपये खर्च के बाद भी लाभ नगण्य

संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज : रोहतास। बिक्रमगंज नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर खर्च तो बेहिसाब हुए, पर लोगों को लाभ नहीं के बराबर मिला। यों कहें कि सरकारी राशि का पूरी तरह दुरुपयोग हुआ है। लगभग 12 -13 वर्ष पूर्व विधायक ऐच्छिक कोष से लाखों रुपये की लागत से फुटपाथ का निर्माण हुआ, लेकिन वह फुटपाथ अब कहीं नहीं दिखता। महज उसके अवशेष ही कहीं-कहीं दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि फुटपाथ से किसी यात्री को नाम मात्र का लाभ नहीं मिला, जबकि इसके निर्माण के नाम पर लाखों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए। ऐसी एक नहीं कई योजनाएं हैं, जिनका लाभ जनता को नहीं मिला। खुद बयां हो रही योजनाओं की हकीकत:

शहर में ीि गई विकास योजनाएं खुद अपनी हकीकत बयां कर रही हैं। विधान पार्षद कोष से करीब डेढ़ दशक पूर्व लाखों रुपये की लागत से दो हाइमास्ट लाइट लगी और जली भी, लेकिन कुछ ही दिन में उसकी लाइट एक-एक कर बुझती गई। अब यह सिर्फ खंभा के रूप में दिखता है। करीब पांच वर्ष पूर्व शहर में जब अतिक्रमण हटाया गया तो तेंदुनी चौक के आसपास चारों मुख्य पथ के किनारे लोहे के खम्भे और सीकड़ से बैरिकेडिग कराया गया, जो अब कहीं अवशेष के रूप में दिखते हैं। तीन वर्ष पूर्व सांसद मद से शहर में कई जगह सोलर लाइट लगाई गई, लेकिन अब कहीं दिखती भी नहीं। शहर में कई चापाकल भी लगे, लेकिन अधिकांश खराब हैं या बीमार हालत में हैं। शहर में पूर्व में प्लास्टिक के डस्टबिन भी रखे गए थे, जो अब बहुत कम ही जगह दिखते हैं। इसके अलावा यूरिनल भी नहीं के बराबर हैं और जो है वह सफाई के अभाव में उपयोग के लायक नहीं हैं। जबकि सरकारी आंकड़ों में सफाई के नाम पर लाखों रुपये प्रतिमाह खर्च होते हैं। घरों से ऊंची बन रही नालियां:

अभी शहर में पानी निकासी के लिए विभिन्न जगह नाली बनाई जा रही है। लेकिन नाली घर और सड़क का पानी निकासी के लिए बनी है या नाली का पानी घर में व सड़क पर बहाने के लिए, यह लोगों की समझ से बाहर की बात है। नटवार रोड में नाली की ऊंचाई सड़क व घर से ढाई से तीन फीट ऊंची है। कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम कहती हैं कि यह टेक्निकल मामला है। विभाग के टेक्निकल पदाधिकारी की देखरेख में नाली का निर्माण हुआ है तो घर और सड़क का पानी जरूर निकलेगा।

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