कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग

कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन अपनी तैयारियों में जुट गया है। दूसरे लहर के दौरान हुई परेशानियों और गलतियों से सबक लेते हुए अस्पताल प्रबंधन अधिक से अधिक संसाधन जुटाने में लग गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:36 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:36 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता ,सासाराम : रोहतास।कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन अपनी तैयारियों में जुट गया है। दूसरे लहर के दौरान हुई परेशानियों और गलतियों से सबक लेते हुए अस्पताल प्रबंधन अधिक से अधिक संसाधन जुटाने में लग गया है। चिकित्सकों का कहना है की तीसरी लहर का स्ट्रेन दूसरे लहर से भी ज्यादा खतरनाक होगी। ऐसे में इससे निपटने के लिए पहले से तैयार रहना जरूरी होगा। सदर अस्पताल परिसर में इसके लिए ऑक्सीजन युक्त सौ बेड का एक वार्ड तैयार किया जा है।

सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार ने बताया कि जिले में चार लाख 43 हजार 891 बच्चे हैं। इन बच्चों को सुरक्षित रखना हम सबकी जवाबदेही है। कोरोना की दूसरी लहर में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी भी थी जिसे अब दूर कर लिया गया है। आक्सीजन की किल्लत से निपटने की तैयारी :

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक मौत लोगों में सांस फूलने की बीमारी और आक्सीजन लेवल काफी काम हो जाने की वजह से हुई थी। उस समय जिले में आक्सीजन की भारी किल्लत थी। जिले के तीन अस्पतालों में 1750 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा हैं, जिसमें सदर अस्पताल में 1000 लीटर प्रति मिनट , डेहरी अनुमंडल अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट एवं बिक्रमगंज में 250 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता का प्लांट शामिल है।अगले महीने तक इसके चालू होने की संभावना है। सीएस के मुताबिक सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलिडर और आक्सीजन कांस्ट्रेटर भी अस्पताल में मौजूद है। अस्थायी पीआइसीयू यूनिट बनाने की चल रही तैयारी : तीसरी लहर की गंभीरता को देखते हुए बीते तीन जुलाई से एनआरसी भवन में ही बच्चों के वार्ड का संचालन किया जा रहा है। इस भवन में पर्याप्त जगह नही होने की वजह से बच्चों के लिए पीआइसीयू यूनिट स्थापित करना काफी मुश्किल है।फिलहाल अस्पताल प्रशासन पारा मेडिकल संस्थान के कोविड वार्ड में ही 40 से 50 बेड के अस्थायी पीआइसीयू के निर्माण की तैयारी कर रहा है।इसके लिए जिला मुख्यालय से राज्य को मसौदा बनाकर भेज दिया गया है। डाक्टरों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

आपदा से निपटने के लिए डाक्टरों की एक टीम तैयार की जा रही है। जिसे तीसरी लहर के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। आपसी सामंजस्य के बीच डाक्टर आपदा के वक्त सेवा देने के लिए उनको विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

अधिक से अधिक टीकाकरण पर बल:

जिले में अभी तक पांच लाख से अधिक लोगों को टीका दिया जा चुका है। जिसमें साढ़े चार लाख लोगों को टीके का पहला डोज तथा 65 हजार से अधिक लोगों को टीके का दूसरा डोज भी दिया गया है।

कहते हैं सिविल सर्जन डाक्टरों के साथ एक बैठक आयोजित की गई ,जिसमें तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है। डाक्टरों को विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी उपलब्ध है। डीएम के निर्देश पर मेडिकल इक्यूपमेंट व अन्य सहायता के लिए जिला परिषद समिति से सहयोग लिया जा रहा है। दवाइयों की उपलब्धता का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। डॉ सुधीर कुमार ,सिविल सर्जन ,रोहतास

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