जिले के दस हजार पंजीकृत किसानों से नहीं खरीदे गए एमएसपी पर धान

जिले के किसान इसे किस्मत का दोष मानें या सिस्टम का । धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य की आस लगाए दस हजार किसानों से पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीद नहीं की गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 10:57 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 10:57 PM (IST)
जिले के दस हजार पंजीकृत किसानों से नहीं खरीदे गए एमएसपी पर धान
जिले के दस हजार पंजीकृत किसानों से नहीं खरीदे गए एमएसपी पर धान

जागरण संवाददाता, सासाराम : जिले के किसान इसे किस्मत का दोष मानें या सिस्टम का । धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य की आस लगाए दस हजार किसानों से पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीद नहीं की गई। गत तीन महीने धान बेचने की आस लगाए किसान अब साहूकारों के हाथ धान बेचने के लिए उनके यहां चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि इस वर्ष धान खरीद के नियमों में कुछ छूट मिलने से अबतक रिकार्ड धान की खरीद इस जिले में हुई है व यह जिला न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदने में सूबे में पहले स्थान पर है, बावजूद पंजीकरण कराए 10 हजार से अधिक किसानों को धान बेचने में निराशा हाथ लगी है।

जिला सहकारिता अधिकारी समरेश कुमार का कहना है कि इस वर्ष जिले के 30464 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है। जबकि धान बेचने के लिए कुल 40475 किसानों ने आवेदन किया था। इसमें रैयती किसान 23326 व गैर रैयत आवेदकों की संख्या 17149 था। लगभग दस हजार रैयत व गैर रैयत किसान पंजीकरण कराने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह गए। बताया कि 40475 पंजीकृत किसानों में से 38804 किसानों ने पैक्स में अधिप्राप्ति व 1671 किसानों ने व्यापार मंडल को धान बेचने के लिए आवेदन दिया था। इन आवेदनों में सात को अस्वीकृत कर दिया गया था तथा सात का सत्यापन नहीं हो पाया था। किस परिस्थिति में धान की खरीद इन किसानों से नहीं की गई यह जांच का विषय है। कहा कि जिले में सर्वाधिक दिनारा की 22 पैक्स समितियों व एक व्यापार मंडल द्वारा 3460 किसानों से 34607.170 एमटी धान की खरीद की गई। दूसरे स्थान पर करगहर प्रखंड रहा, जहां 20 पैक्स द्वारा 3210 किसानों से 33945.700 एमटी धान की खरीद की गई है। जबकि तीसरे स्थान पर काराकाट रहा जहां 2354 किसानों से 21163.200 एमटी धान खरीद की गई है। वहीं करगहर से कांग्रेस के विधायक संतोष मिश्र धान खरीद में भारी अनियमितता की बात कह इसकी निष्पक्ष जांच की मांग भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकांश किसानों से धान की खरीद नहीं हुई है। पंजीकरण के बाद भी दस हजार किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित रखा गया। वहीं किसान व गैर रैयत धान बेचने में सफल रहे जो पैक्स अध्यक्षों के सिस्टम को मान उनकी शर्तों पर धान दिए। धान बेचने से वंचित किसानों ने डीएम धर्मेंद्र कुमार को आवेदन दे निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की है। गत चार वर्ष में धान खरीद :

वर्ष किसान अधिप्राप्ति (एमटी) लक्ष्य

2016-17 15021 1.23 लाख 2.10 लाख

2017-18 9342 1.05 लाख 2.10 लाख

2018-19 13757 1.46 लाख 2.10 लाख

2019-20 21477 2.09 लाख 2.20 लाख

2020-21 30464 3.20 लाख 3.30 लाख

chat bot
आपका साथी