ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी नहीं खरीदा जा रहा धान

रोहतास। प्रखंड क्षेत्र के किसान धान बेचने के लिए महीनों पूर्व ऑनलाइन पंजीयन करा इंतजार कर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Feb 2021 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 05 Feb 2021 06:30 PM (IST)
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी नहीं खरीदा जा रहा धान
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी नहीं खरीदा जा रहा धान

रोहतास। प्रखंड क्षेत्र के किसान धान बेचने के लिए महीनों पूर्व ऑनलाइन पंजीयन करा इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका धान खरीदने वाला कोई नहीं है। सहकारिता विभाग के अधिकारी व पैक्स अध्यक्षों की मिलीभगत से धान खरीद केवल गैर रैयतों के नाम पर दिखा लक्ष्य प्राप्ति के लिए खानापूर्ति कर रहे हैं।

कई किसानों का कहना है कि वे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सभी कागजात नटवार व्यापार मंडल में इस उम्मीद से जमा किए थे कि उनकी बारी आने पर सरकारी दर पर उनके धान की खरीद कर ली जाएगी लेकिन अब व्यापार मंडल द्वारा यह कह कर धान खरीद से इन्कार किया जा रहा है कि आपका नाम सूची में नहीं है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रभात कृष्ण रंजन ने बताया कि किसानों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किए जाने के बाद किसान सलाहकार इसका भौतिक सत्यापन कर सूची तैयार करते हैं और उसी सूची के आधार पर खरीद की जाती है। किसान राज नारायण सिंह, कैलाश पासवान, सतीश चतुर्वेदी, मुरारी पाठक, राघवेंद्र चौबे सहित कई किसानों ने आरोप लगाया कि किसान सलाहकार द्वारा घर बैठे भौतिक सत्यापन किया गया तथा मनमाने ढंग से सूची तैयार कर दी गई। किसानों का आरोप है कि एसएमएस द्वारा भौतिक सत्यापन कब और कैसे की गई तथा किस आधार पर सूची तैयार की गई इसकी जानकारी तक किसानों को नहीं मिली। आज किसान ऑनलाइन का अपना कागज लिए व्यापार मंडल और प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। व्यापार मंडल अध्यक्ष कहते हैं कि व्यापार मंडल के साथ विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। जिले का सबसे बड़ा व्यापार मंडल होने तथा एक हजार टन का अपना गोदाम एवं मील होने के बावजूद खरीद का लक्ष्य बहुत छोटा दिया गया है। विभिन्न पैक्सों से जुड़े किसानों का भी आरोप है कि वे अपने कागज का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बहुत पहले करा अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। भौतिक सत्यापन के नाम पर खरीद की सूची से उन्हें बाहर रखा गया है, जिस कारण अबतक धान नहीं बिक पाया है। पैक्स संघ के जिलाध्यक्ष मनोज पटेल ने बताया कि एक तरफ किसानों से अधिक धान खरीद करने का दावा सरकार कर रही है, वही तरह-तरह के पेच फंसा कम से कम खरीद करने की व्यवस्था की गई है, जिसको लेकर किसानों में काफी असंतोष व्याप्त है।जिला सहकारिता पदाधिकारी समरेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच कर सही किसानों की खरीद की व्यवस्था की जाएगी।

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