कैमूर पहाड़ी के सौ से अधिक गांव होंगे जगमग

रोहतास । कैमूर पहाड़ी पर बसे सौ से अधिक गांव जगमग होंगे। सरकार द्वारा उन गांवों में अब सौर उर्जा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 03:07 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 03:54 AM (IST)
कैमूर पहाड़ी के सौ से अधिक गांव होंगे जगमग
कैमूर पहाड़ी के सौ से अधिक गांव होंगे जगमग

रोहतास । कैमूर पहाड़ी पर बसे सौ से अधिक गांव जगमग होंगे। सरकार द्वारा उन गांवों में अब सौर उर्जा से बिजली पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। वहां पर रहने वाले वनवासियों के घरों में पहली बार बिजली पहुंचेगी। इसकी सूचना और संभावना मात्र से ही आबादी प्रफुल्लित है। वन अभ्यारण्य क्षेत्र में स्थित इन गांवों में पहले भी बिजली पहुंचाने का प्रयास किया गया था, लेकिन वन विभाग की आपत्ति के कारण यह कार्य नहीं हो सका था। अब वन विभाग ने अनापत्ति उपलब्ध कराते हुए उन गांवों में सोलर लाइट से बिजली पहुंचाने पर अपनी सहमति दे दी है ।

जिले के कैमूर पहाड़ी पर वन अभयारण्य क्षेत्र से होकर गुजरने वाले 105 टोलों व 16 राजस्व गांवों में बिजली पहुंचाने पर बल दिया जा रहा है। जिससे कैमूर पहाड़ी पर बसे इन गांवों के लोग कृषि कार्य के लिए वर्षा पर आश्रित नहीं रहेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। सबसे पहले इन गांवों में पेयजल और रौशनी के लिए सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है। हर गांव में सोलर पैनल लगाकर बिजली उपलब्ध करने की परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया है। बताते चले कि अभी तक इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां न तो अब तक सड़क बन पाई है न पेयजल की सुविधा। अस्पताल व विद्यालयों की स्थिति भी दयनीय है। खास यह कि इन गांवों में अबतक बिजली की भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। संचार माध्यमों के अभाव से इस क्षेत्र के लोग देश-दुनिया की खबरों से भी कटे हुए हैं। गत वर्ष मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का आगमन रेहल गांव में हुआ था।उन्होंने कहा था कि अब विकास से पहाड़ी गांव वंचित नहीं रहेंगे। उनके साथ पहुंचे कई विभागों के मंत्री व प्रधान सचिव को उन्होंने यहां विकास के लिए समेकित प्लान तैयार करने का निर्देश दिया था। जिसके वाद यहां विकास का खाका तैयार होने लगा है। वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर उर्जा विभाग द्वारा जिले के चेनारी,नौहट्टा रोहतास तिलौथू सासाराम प्रखंड के 105 गावों में सोलर पैनल से बिजली मुहैया कराने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कई गांव अब इस पहल से जगमग होने लगे हैं। खेती के लिए भी बिजली पहुंचाने के लिए वन विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। गत माह समहुता फीडर से वन अभ्यारण क्षेत्र तार डीह गांव होते हुए धनसा , रेहल,बुधुआ, शोली समेत 16 राजस्व पहाड़ी गांव में बिजली पहुंचाने के लिए वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है। जिसे लेकर अनुमंडल पदाधिकारी की देखरेख में अनुमंडल वन विकास समिति की बैठक भी की गई थी। जिस्में प्रस्ताव पारित कर डीएम पंकज दीक्षित को आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसा के साथ भेजा गया है ।

स्थानीय विधायक ललन पासवान ने भी विधानसभा के गत सत्र में बिजली को ले मुद्दा उठाया था। पहाड़ी क्षेत्र में स्थित 105 गावो में दिसम्बर के अंत तक सौर ऊर्जा से हर घर को बिजली मुहैया किए जाने कि योजना है। वहीं समहुता फीडर से कृषि कार्य के लिए वर्ष 2020 के अंत तक तार पोल से बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। जोहा गांव निवासी उप मुखिया राम प्रीत उरांव , कुबा के सरपंच विशुनदेव यादव, रोहतास गढ़ के पूर्व मुखिया कृष्णा सिंह यादव समेत अन्य का कहना है कि अब सरकार की सकरत्मक सोच शुरू हो गई है।पहाड़ी गावों में भी बिजली आधारित खेती शुरू होगी। हमलोग के घरों में बिजली का बल्ब जलेगा व बच्चे भी उसकी रौशनी में पढ़ाई करेंगे।

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