पांच वर्ष में जेल जाने वाली दूसरी मुख्य पार्षद बनीं कंचन देवी

रोहतास। सासाराम नगर परिषद की मुख्य पार्षद कंचन देवी को लगभग 55 लाख रुपये के गबन मामले में शु

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:04 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:04 PM (IST)
पांच वर्ष में जेल जाने वाली दूसरी मुख्य पार्षद बनीं कंचन देवी
पांच वर्ष में जेल जाने वाली दूसरी मुख्य पार्षद बनीं कंचन देवी

रोहतास। सासाराम नगर परिषद की मुख्य पार्षद कंचन देवी को लगभग 55 लाख रुपये के गबन मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कंचन देवी गत पांच वर्षों में जेल जाने वाली दूसरी मुख्य पार्षद हैं। इसके पूर्व तत्कालीन मुख्य पार्षद नाजिया बेगम भी चर्चित स्ट्रीट लाइट घोटाले में जेल जा चुकी हैं। ये सभी घोटाले अभियंताओं व कार्यपालक पदाधिकारी की मिलीभगत से होती रही है। मुख्य पार्षद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस तत्कालीन ईओ कुमारी हिमानी व कनीय अभियंता अरुण कुमार सिंह की गिरफ्तारी की मुहिम तेज कर दी है।

सासाराम नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने गत वर्ष योजनाओं की जांच कराई तो कई योजनाओं में बिना कार्य कराए ही राशि की निकासी कर ली गई थी। जिसकी सूचना उन्होंने तत्कालीन डीएम पंकज दीक्षित को दी। तत्कालीन डीएम के निर्देश पर एडीएम लालबाबू सिंह के नेतृत्व में जांच की गई तो ईओ की शिकायत सही साबित हुई। जिसके बाद एक मार्च को अभिषेक आनंद ने मुख्य पार्षद कंचन कुमारी, पूर्व ईओ कुमारी हिमानी व नगर परिषद के अभियंता अरुण कुमार सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई। जलजमाव व गंदगी के बीच रहने को विवश नगरवासी इन घोटालों व गिरफ्तारी को ले कई तरह के सवाल खड़ा कर रहे हैं। मुख्य पार्षद की गिरफ्तारी के बाद शहर के चौक -चौराहे पर इसको ले कई तरह की चर्चा है। लोगों की जुबान से यहीं बात आ रही है कि नगर परिषद से विकास काम कम ही होता है तथा ज्यादा घोटाले ही हो रहे है। हालांकि मुख्य पार्षद कंचन देवी, पूर्व ईओ कुमारी हिमानी व कनीय अभियंता महंत पाण्डेय तथा अरुण कुमार सिंह पर गलत ढ़ंग से योजना का बिल पास करने के मामले में पिछले दस माह में तीन प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। वार्ड नंबर 11 में फर्जी ढ़ंग से 48 लाख रुपये निकासी मामले में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पहली प्राथमिकी बुडको के सहायक अभियंता जीतेंद्र कुमार ने दर्ज कराई थी। इसमें यह कहा गया था कि उनका फर्जी हस्ताक्षर बनाकर राशि की निकासी की गई है। वहीं वार्ड संख्या 24 में बिना सड़क निर्माण किए ही योजना मद के 7.24 लाख रुपये हड़प लिए जाने के मामले में ईओ अभिषेक आनंद की जांच रिपोर्ट पर डीएम ने सहायक अभियंता को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उक्त योजना का नगर परिषद में पदस्थापित कनीय अभियंता महंत पाण्डेय पर भी आरोप लगा है। एसपी आशीष भारती ने बताया कि नगर परिषद में घोटालों से संबंधित जितने भी मामले हैं उनके अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हर हाल में कराई जाएगी।

इसके पूर्व शहर में चर्चित स्ट्रीट लाइट घोटाला मामले में पूर्व मुख्य पार्षद नाजिया बेगम, उप मुख्य पार्षद चंद्रशेखर महतो, पूर्व ईओ राजीव रंजन के आलावा सशक्त समिति के पांच सदस्यों पर निगरानी विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें पूर्व मुख्य पार्षद नाजिया बेगम व एक अन्य महिला वार्ड पार्षद को जेल तक जाना पड़ा था।

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